Ramadan 2019 First Roza: रमजानुल मुबारक के मुकद्दस महीने का आगाज हो चुका है। पूरी दुनिया में इसकी शुरुआत सोमवार (6 मई) से हो गई, लेकिन भारत में 7 मई से रमज़ान मनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब में 5 मई की शाम ही रमज़ान के चांद का दीदार हो गया था, जिसके चलते सऊदी अरब में 6 मई से रोजे की शुरुआत हो गई। वहीं, विश्व के अन्य देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया और कतर में भी 6 मई से रमजान का महीना शुरू हो गया। वहीं, लखनऊ की मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना राशिद फरंगी महली काजी-ए-शहर ने 6 मई को चांद के दीदार न होने और 7 मई से रमज़ान की शुरुआत का ऐलान किया था।

क्या है रमज़ान? रमजान इस्‍लामिक कैलेंडर का 9वां महीना है। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इसी महीने में ही मुसलमानों की पाक कुरान पृथ्वी पर उतारी गई थी। इस महीने में मुस्लिम 30 दिन के रोजे रखते हैं।

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इन लोगों को मिलती है रोजे से छूट : लगातार बीमार लोग, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिला, मासिक धर्म या मधुमेह से पीड़ित को छोड़कर रमजान के रोजे सभी मुस्लिमों को रखना अनिवार्य है। बता दें कि रोजे रखने वाले भोर में ‘सेहरी’ खाकर रोजे रखते हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद ‘इफ्तार’ कर रोजा खोलते हैं।

यह है कायदा:  गौरतलब है कि रोजे के दौरान पानी भी पीना मना है। वहीं, थूक निगलने पर भी रोजा मकरूह मान लिया जाता है। कुरान के मुताबिक, पूरे रमजान के दौरान शैतानों को नरक में जंजीरों से बांधकर रखा जाता है, जिससे वे मुस्लिमों की इबादत में रुकावट नहीं डाल पाते हैं।

 

रमजान में इनका ख्याल रखना जरूरी : रमज़ान का महीना पाक माना जाता है। इसमें रोजे के दौरान खाना खाने, धूम्रपान और शारीरिक संबंध बनाने को पूरी तरह नापाक माना गया है। वहीं, किसी भी तरह के झूठे भाषण, अपमानजनक और कोसने वाली बातें, झूठ बोलने वाले और लड़ाई-झगड़ा करने वालों को सवाब नहीं मिलता है।

नमाज़ और ज़कात का यह है नियम : आम दिनों की तरह रमजान में पांचों वक्त की नमाज़ पढ़ना फर्ज़ है। रमज़ान के पाक महीने में पांचों वक्त की नमाज़ का सवाब ज्यादा मिलता है। इसके अलावा तरावीह की नमाज़ भी इस महीने में खासतौर पर पढ़ी जाती है। वहीं, ईद की नमाज़ से पहले गरीबों को जकात भी देने का नियम है। इस महीने में सदका भी देने का रिवाज आम है।