Ram Navami 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Mantra, Aarti: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम (Lord Rama) जन्मोत्सव मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार त्रेतायुग में इस तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र में श्रीराम का जन्म हुआ था। इस बार ये पर्व 2 अप्रैल को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म के लोग भगवान राम के जन्मदिन को बेहद ही हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं। राम मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते घर पर ही राम नवमी की विधि विधान पूजा करनी होगी। जानिए कैसे…

Ram Aarti, Shree Ram Stuti: श्री रामचंद्र कृपालु भजमन… यहां देखें भगवान राम की आरती और मंत्र

राम नवमी मुहूर्त (Ram Navami Muhurat):

राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – 10:48 AM से 01:15 PM
अवधि – 02 घण्टे 28 मिनट्स
राम नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:02 पी एम PM
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 02, 2020 को 03:40 AM बजे
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 03, 2020 को 02:43 AM बजे

Ram Navami 2020 Bhajan, Song, Puja Vidhi: रघुपति राघव राजा राम…राम नवमी के त्योहार को श्री राम के इन भक्ति भजन को सुनकर बनाए खास

राम नवमी व्रत एवं पूजा विधि: नवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। उसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर श्रीराम की पूजा की तैयारी करें। इसके लिए राम की प्रतिमा लें। व्रत रखने के इच्छुक लोग व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान का गंगाजल से अभिषेक कराएं। फिर श्रीराम का अक्षत, रोली, चंदन, धूप, गंध आदि से षोडशोपचार पूजन करें। उसके बाद भगवान को तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें। फल चढ़ाएं। खीर का भोग लगाएं। इस दिन रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद राम जी की आरती करें। राम जी की प्रतिमा को झूला झुलाएं। पूजा संपन्न करने के बाद प्रसाद लोगों में वितरित कर दें। ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें। व्रत रखने वाले लोग दिनभर फलाहार करें। दशमी के दिन भगवान राम की एक बार फिर से पूजा कर व्रत खोल लें।

श्री राम के मंत्र:

1. श्रीरामचन्द्राय नम:।
2. रामाय नम:।
3. ह्रीं राम ह्रीं राम।
4. क्लीं राम क्लीं राम।
5. फट् राम फट्।
6. श्रीं राम श्रीं राम।
7. ॐ राम ॐ राम ॐ राम।
8. श्रीराम शरणं मम्।
9. ॐ रामाय हुं फट् स्वाहा।
10. ‘श्रीराम, जयराम, जय-जय राम’।

हवन सामग्री: आम की लकड़ी और आम का पल्‍लव। पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्‍वगंधा ब्रह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्‍गल, लोबार, इलाइची, शक्‍कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, सूखा नारियल और गोला और जौ।

हवन विधि और कन्या पूजन का तरीका: हवन करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। हवन सामग्री को शहद और घी में मिला लें। हवन कुंड को साफ स्थान पर स्थापित कर लें। आम की लकड़ी कपूर की सहायता से जलाएं। अग्नि प्रज्जवलित करने के बाद उसमें घी से ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र से माता के नाम से आहुति दें फिर सभी देवी-देवताओं के नाम से 3 या 5 बार आहुति दें। इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन करें। हवन के बाद माता कपूर और घी से माता की आरती उतारें। माता रानी को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं। इसके बाद कन्या पूजन करें। लेकिन इस बार बाहर से कन्या बुलाकर कन्या पूजन कर पाना संभव नहीं है तो ऐसे में आप घर की कन्या का पूजन करें। अगर आपके घर में कन्या न हो तो ऐसे में घर के मंदिर में माता की पूजा करके उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाएं और भेंट सामग्री अर्पित करें। आप चाहें तो कन्याओं के लिए कुछ धनराशि निकालकर रख सकते हैं और फिर स्थिति सामान्य हो जाने के बाद कन्याओं को ये धनराशि दे दें।

Live Blog

12:48 (IST)02 Apr 2020
राम नवमी का महत्व...

मान्‍यता है कि राम नाम का जाप करने से सभी कष्‍टों का निवारण होता है. हिन्‍दू धर्म में राम नाम को अत्‍यंत कल्‍याणकारी और पुण्‍यकारी माना गया है. कहते हैं कि राम नवमी के दिन जो भी भक्‍त सच्‍चे मन और श्रद्धा भाव से राम का नाम लेता है उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं और दुखों का अंत हो जाता है

12:14 (IST)02 Apr 2020
श्री राम के मंत्र (Ram Ji Ke Mantra):

1. श्रीरामचन्द्राय नम:।

2. रामाय नम:।

3. ह्रीं राम ह्रीं राम।

4. क्लीं राम क्लीं राम।

5. फट् राम फट्।

6. श्रीं राम श्रीं राम।

7. ॐ राम ॐ राम ॐ राम।

8. श्रीराम शरणं मम्।

9. ॐ रामाय हुं फट् स्वाहा।

10. 'श्रीराम, जयराम, जय-जय राम'।

11:48 (IST)02 Apr 2020
श्री राम की आरती...

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

10:35 (IST)02 Apr 2020
Ram Navami 2020 (Navami) Puja Vidhi, Vrat Vidhi, Muhurat, Timings, Mantra:राम नवमी की कथा

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने धरती पर राम के रूप में जन्म लिया। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को हर साल भगवान राम के जन्म के दिन को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। खासतौर से राम जन्मभूमि अयोध्या में इस पर्व की खास रौनक देखने को मिलती है। इस दिन लोग व्रत रख भगवान राम की विधिवत पूजा उपासना करते हैं। जानिए इस व्रत की पूजा विधि और व्रत कथा…

09:54 (IST)02 Apr 2020
राहु काल में हवन न करें...

2 अप्रैल 2020 गुरुवार की ग्रह स्थिति चंद्रमा-मिथुन राशि मे सुबह 08:06 बजे तक उसके बाद कर्क राशि मे। सूर्य-मीन। मंगल,शनि,गुरु - मकर राशि मे । बुध-कुम्भ राशि मे। शुक्र-वृष राशि मे। राहु-मिथुन एवं केतु-धनु राशि मे। नवरात्र से सम्बंधित यज्ञ ,हवन 2 अप्रैल को वैसे तो दिन भर किया जा सकता है परंतु-राहुकाल 1:30से 3 बजे तक है अतः नही किया जाना ठीक होगा। 

09:33 (IST)02 Apr 2020
राम नवमी के शुभ मुहूर्त (Ram Navami Shubh Muhurat)...

अभिजित मुहूर्त- 11:37 ए एम से 12:26 पी एम, अमृत काल – 05:05 पी एम से 06:41 पी एम, गुरु पुष्य योग – 07:29 पी एम से 05:51 ए एम, अप्रैल 03 तक, सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन, रवि योग – 07:29 पी एम से 05:51 ए एम, अप्रैल 03 तक, अमृत सिद्धि योग – 07:29 पी एम से 05:51 ए एम, अप्रैल 03 तक, विजय मुहूर्त – 02:05 पी एम से 02:54 पी एम, गोधूलि मुहूर्त- 05:59 पी एम से 06:23 पी एम, ब्रह्म मुहूर्त- 04:18 ए एम, अप्रैल 03 से 05:04 ए एम, अप्रैल 03 तक, सायाह्न सन्ध्या – 06:11 पी एम से 07:21 पी एम तक, निशिता मुहूर्त- 11:38 पी एम से 12:24 ए एम, अप्रैल 03 तक।

09:01 (IST)02 Apr 2020
इन शुभ योगों में हुआ था भगवान राम का जन्म...

अगस्‍त्‍य संहिता में उल्‍लेख मिलता है कि जिस वक्‍त प्रभु श्रीराम का जन्‍म हुआ था उस वक्‍त दोपहर की घड़ी थी। उस समय पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्‍न और मेष राशि थी। शास्‍त्रों में बताया गया है कि भगवान राम के जन्‍म के वक्‍त सूर्य और 5 ग्रहों की शुभ दृष्टि भी थी और इन खास योगों के बीच राजा दशरथ और माता कौशल्‍या के पुत्र का जन्‍म हुआ।

08:33 (IST)02 Apr 2020
रामलला को झुलाएं झूला...

रामनवमी के दिन कुछ लोग बाजार से छोटा सा पालना लाकर रामलला की मूर्ति को पालने में झुलाते हैं। इसको करने के बाद भगवान राम की आरती करें। फिर चाहें तो विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं। भगवान राम को खीर, फल और मिष्‍ठान का भोग लगाएं।

08:22 (IST)02 Apr 2020
राम नवमी पर कैसे करें कन्या पूजन जानिए...

इस दिन कन्याओं के ना पर जितना भी धन आप खर्च करने की क्षमता रखते हों उसे सात या नौ भागों में बांट कर लिफाफे बना दें और संकल्प करके घर के पूजा स्थल पर रख दें उसके बाद यदि संभव हो तो उसी दिन या बाद में स्थितियां सामान्य होने पर उन्हें कन्याओं को अर्पित कर दें। बाकी पूजन को हमेशा के विधान के अनुसार घर में ही पूर्ण करके माता की आराधना करें औऱ आर्शिवाद प्राप्त करें।

08:12 (IST)02 Apr 2020
प्रभु श्रीराम को इस चीज का लगाएं भोग...

राम नवमी के दिन भगवान राम को खीर, केसर भात या फिर धनिए का भोग लगाएं। मिठाई में प्रभु राम को बर्फी, गुलाब जामुन या कलाकंद भोग लगाना उत्तम होता है। पूजा सम्पन्न होने के बाद भोग लगाई गई चीजों में से प्रसाद का वितरण कर दें।

07:51 (IST)02 Apr 2020
रामनवमी पर ग्रहों के दुर्लभ योग...

118 साल पहले 16 अप्रैल 1902 को रामनवमी पर गुरु शनि की मकर राशि में था। इसके बाद 2020 में ये योग बना है। इसके अलावा 854 साल बाद मकर राशि में मंगल, गुरु और शनि एक साथ स्थित हैं। इन तीनों ग्रहों के इस युति में राम नवमी का योग 854 साल बाद बना है। गुरु अपनी नीच राशि में, मंगल उच्च राशि और शनि स्वराशि में स्थित है। 17 अप्रैल 1166 को राम नवमी पर गुरु, मंगल और शनि की युति मकर राशि में बनी थी।

07:41 (IST)02 Apr 2020
Ram Navami पर राम दरबार की करें पूजा

राम नवमी पर राम दरबार की पूजा करनी चाहिए। राम दरबार में श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमानजी शामिल रहते हैं। इनके साथ ही भरत और शत्रुघ्न की पूजा करनी चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। श्रीराम की पूजा करें। श्रीरामचरित मानस का पाठ करें। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। इस दिन देवी दुर्गा की भी विशेष पूजा जरूर करें।