राखी का त्योहार इस बार 3 अगस्त को मनाया जाएगा। कहा जाता है कि राखी हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। इसलिए रक्षा बंधन के दिन मुहूर्तों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भद्रा का समय राखी बांधने के लिए अशुभ माना जाता है। इसलिए इस समय पर राखी बांधने से बचना चाहिए। खास बात ये है कि इस बार भद्रा सुबह ही खत्म हो जाएगी, जिस कारण बहनें अपने भाइयों को पूरे दिन राखी बांध पाएंगी।

राखी बांधने का मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 09:28 PM से 02 अगस्त को
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 09:28 PM पर 03 अगस्त को
रक्षा बन्धन पर भद्रा अन्त समय- 09:28 AM
रक्षा बन्धन के पहला सबसे शुभ मुहूर्त – 01:48 PM से 04:29 PM
अवधि- 02 घण्टे 41 मिनट
रक्षा बन्धन के लिये दूसरा शुभ मुहूर्त- 07:10 PM से 09:17 PM
अवधि- 02 घण्टे 07 मिनट

राखी बांधते समय पढ़ें यह मंत्र: राखी बांधते समय बहनों द्वारा इस मंत्र को पढ़ना शुभ फलदायी माना जाता है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन महाभारत में भी आता है।
‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’

रक्षा बंधन की पूजा विधि: रक्षाबंधन के दिन आप सुबह सभी कार्यों को कर स्नान कर लें। इसके बाद पूजा की थाली सजाएं जिसमें राखी, रोली, चंदन, अक्षत, मिठाई और फूल रखें। इस थाली में एक घी का एक दीपक भी जलाएं। इस थाल को सबसे पहले पूजा स्थान पर रखें और भगवान का स्मरण करें। धूप जलाएं और पूजा करें। इसके बाद भाई को राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करें। सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद उसके सीधे हाथ पर राखी बांधे और आरती उतारें। अंत में भाई का मुंह मीठा करें। ध्यान रखें कि भद्रा रहित काल में ही राखी बांधें।