Raksha Bandhan Date: रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। जो इस बार 03 अगस्त को मनाया जायेगा। राखी के दिन भद्रा समय का विशेष ध्यान रखा जाता है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार सभी शुभ कार्यों के लिए भद्रा का त्याग किया जाना चाहिये। इसलिए रक्षा बंधन के दिन भी भद्रा समाप्त होने के पश्चात ही राखी विधि करने की सलाह दी जाती है।
रक्षा बंधन का मुहूर्त: 03 अगस्त को 05:44 AM से 09:25 AM तक भद्रा रहेगी। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 2 अगस्त को 09:28 PM से हो जाएगा और इसकी समाप्ति 3 अगस्त को 09:28 PM पर होगी। इस लिहाज से आप भद्रा समाप्त होने के बाद पूरे दिन रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं। रक्षा बंधन के लिए अपराह्न का मुहूर्त 01:48 PM से 04:29 PM तक रहेगा। प्रदोष काल मुहूर्त 07:10 PM से 09:17 PM तक रहेगा। रक्षा बंधन पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जिस वजह से इस दिन की शुभत्ता और अधिक बढ़ गई है।
रक्षा बंधन का महत्व: यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षा बंधन के त्योहार मनाने से जुड़ी कई कहानियां मिलती हैं। कहा जाता है कि शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली कट गई थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर कृष्ण जी की उंगली पर पट्टी बांधी। जिस दिन ये घटना हुई उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। पौराणिक मान्यताओं अनुसार एक बार देवताओं और असुरों में कई वर्षों तक युद्ध चला लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिली। तब देवगुरु बृहस्पति के कहने पर इंद्र की पत्नी शची ने श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा के दिन व्रत रख अपने पति को रक्षासूत्र बांधा। इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से देवताओं को जीत मिली।
रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर हुमायूं और रानी कर्मवती की कथा भी काफी प्रचलित है। कहा जाता है चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने हुमायूं को राखी भेजकर चित्तौड़ की रक्षा करने का वचन मांगा था। हुमायूं ने भी भाई धर्म को निभाते हुए उनके राज्य पर कभी आक्रमण नहीं किया और बल्कि उसकी रक्षा के लिए उसने बहादुरशाह से भी युद्ध किया।

