Raksha Bandhan (Rakhi) 2020 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time: रक्षा बंधन का पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन बहन की हाथ से राखी बंधवाने से भाई पर कोई बाधा नहीं आती। इस पावन पर्व के दिन बहनें भाईयों को राखी बांधने से पहले भोजन ग्रहण नहीं करती और राखी बांधने के साथ भाई के खुशहाल जीवन की मंगलकामना करती हैं। जानिए श्रावण की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले राखी के त्योहार की क्या है पूजा विधि…
पूजन की थाली में रखें ये सामग्री: भाई को बांधने के लिए राखी, तिलक करने के लिए कुमकुम व अक्षत, नारियल, मिठाई, सिर पर रखने के लिए छोटा रुमाल, इसके अलावा भाई को अगर कोई गिफ्ट देना चाहते हैं तो वो भी रख सकते हैं, आरती उतारने के लिए दीपक।
राखी बांधने से पहले करें पूजा: रक्षा बंधन के दिन सुबह भाई बहन स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करते हैं। राखी की थाल तैयार की जाती है। जिसमें रोली, अक्षत, कुमकुम और एक दीप जलाकर रखा जाता है। इस थाली में राखियां भी रखी जाती हैं। राखी की थाल को सबसे पहले भगवान के समक्ष रखा जाता है। उसके बाद बहनें भाईयों को राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करती हैं।
ऐसे बांधें राखी: बहनें भाईयों के माथे पर रोली और अक्षत लगाती हैं। इसके बाद भाई की दाईं कलाई पर राखी बांधती हैं उनकी आरती उतारती हैं। इसके बाद भाई का मुंह मीठा किया जाता है। राखी बंधवाने के बाद भाई अपने बहन को उपहार देते हैं। बहनें राखी बांधते समय अपने भाई की लंबी उम्र और उन्नति की कामना करती हैं।
राखी बांधते समय ये मंत्र बोलें: येन बद्धो बलिः राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥
राखी बांधने के शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 02 अगस्त को 09:28 PM बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 03 अगस्त को 09:28 PM बजे
रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय- 09:28 AM
रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ- 05:16 AM से 06:28 AM
रक्षा बन्धन भद्रा मुख- 06:28 AM से 08:28 AM
रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त- 01:48 PM से 04:29 PM
रक्षा बन्धन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त- 07:10 PM से 09:17 PM