Raksha Bandhan Thali/Puja Significance: रक्षा बंधन हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक ये पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार 15 अगस्त को राखी का पर्व मनाया जा रहा है। वैसे तो राखी की पूजा कैसे होती है इस बात की जानकारी हर बहन को होती है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका उपयोग आज के समय में कम होता जा रहा है। बहनें रक्षा बंधन पर पूजा की थाली में कई चीजों का इस्तेमाल करना भूल जाती हैं। जिनका धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व होता है। जैसे कुमकुम, हल्दी, चावल, नारियल, रक्षा सूत्र (राखी), मिठाई, दीपक और संभव हो तो गंगाजल से भरा कलश ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका पूजा की थाली में होना जरूरी होता है। ऐसा क्यों? जानिए इससे जुड़ी पौराणिक मान्यताएं…

1- कुमकुम- रक्षा बंधन के दिन पूजा की थाली में सबसे पहली सामग्री जिसका होना जरूरी है वो है कुमकुम। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शुभ काम की शुरुआत तिलक के साथ करनी चाहिए। साथ ही तिलक मान-सम्मान का भी प्रतीक है। बहन कुमकुम का तिलक लगाकर भाई के प्रति सम्मान प्रकट करती है।

2- चावल- पूजा में चावल के इस्तेमाल से आप भली भांति परीचित होंगे। दरअसल हिन्दू धर्म में चावल को अक्षत कहा जाता है। इसका अर्थ है अक्षत यानी जो अधूरा न हो। चावल शुक्र ग्रह से भी संबंधित है। और शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। इसलिए तिलक के साथ चावल लगाने का महत्व यही है कि भाई के जीवन पर तिलक का शुभ असर हमेशा बना रहे।

3- नारियल- आज कल रक्षा बंधन के दिन कई लोग नारियल का इस्तेमाल नहीं करते हैं लेकिन इसका महत्व है। परंपरा यही है कि बहन अपने भाई को तिलक लगाने के बाद हाथ में नारियल देती है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। श्री यानी देवी लक्ष्मी का फल, यह सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है।

4- रक्षा सूत्र (राखी)- कहा जाता है कि रक्षासूत्र बांधने से त्रिदोष शांत होते हैं। त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ। शरीर में होने वाली सभी बीमारी इन तीन दोषों से ही संबंधित होती है। रक्षा सूत्र कलाई पर बांधने से शरीर में इन तीनों का संतुलन बना रहता है। बहन राखी बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है। भाई को ये रक्षा सूत्र इस बात का अहसास करवाता रहता है कि उसे अपनी बहन की हमेशा रक्षा करनी है।

5- मिठाई- राखी बांधने के बाद बहनें भाई को कुछ मीठा या मिठाई खिलाती हैं, इस रस्म को करने के पीछे एक मान्यता है। जिसके अनुसार भाई का मुंह मीठा करने से बहन और भाई के रिश्ते में मिठास भरी रहती है। मिठाई खिलाते समय वह यह कामना करती है कि दोनों के रिश्ते में कभी कड़वाहट न आए।

6- दीपक- राखी बांधने के बाद बहन दीपक से भाई की आरती उतारती है। इस रस्म को लेकर मान्यता है कि आरती उतारने से सभी प्रकार की बुरी नजरों से भाई की रक्षा हो जाती है।

7- गंगाजल से भरा कलश- बहुत सी बहनें इस कलश को थाली में नहीं रखती लेकिन इसका काफी महत्व होता है। यह कलश पारंपरिक रिवाज के अनुसार तांबे का ही होना चाहिए और इसी कलश के जल को कुमकुम में मिलाकर भाई को तिलक लगाया जाता है। हिंदू धर्म में हर शुभ काम की शुरुआत में जल से भरा कलश रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी कलश में सभी पवित्र तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है।