ज्योतिष में राहु और केतु को सबसे क्रोधी ग्रह माना जाता है। कहा जाता है कि राहु-केतु यदि किसी पर क्रोधित हो जाए तो उसका विनाश निश्चित है। यही कारण है कि लोग इसे अपनी कुंडली से निकालने के लिए बहुत कोशिश करते हैं। अगर आप भी राहु दोष से परेशान हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं इस समस्या से निजात पाने के उपाय। आइए जानते हैं-
गोमेद रत्न राहु दोष से रक्षा करता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में विभिन्न दोषों को दूर करने के लिए प्रत्येक ग्रह के लिए एक विशेष रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। गोमेद राहु ग्रह के लिए ऐसा ही एक विशेष रत्न है। कहते हैं जब कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर हो जाती है तो जातक पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। जिससे उनके काम में बाधा आने लगती है और किया जा रहा काम खराब हो जाता है। ऐसे में जातकों को इस दोष को दूर करने के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है।
जब ये ग्रह युति में हों तब गोमेद धारण करें
ज्योतिषियों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध, शुक्र और राहु ग्रह की युति हो तो उसे राहत पाने के लिए गोमेद रत्न धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से शुभ फल मिलते हैं और अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
इस राशि के जातकों के लिए बहुत फायदेमंद
धार्मिक शास्त्रों में राहु ग्रह को मकर राशि का स्वामी माना गया है। ऐसे में जिन लोगों की राशि मकर है, वे अपनी कुंडली में राहु की स्थिति को मजबूत करने और इसके बुरे प्रभावों को कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं। ऐसा करना उनके लिए फायदेमंद होता है।
इन क्षेत्रों के जातक रत्न धारण कर सकते हैं
वकालत या न्यायिक कार्य करने वाले लोगों के लिए इस रत्न को धारण करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने पर करियर की गाड़ी दौड़ने लगती है। वहीं राजनीति में सक्रिय लोग भी गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं। इन या मिथुन, तुला, कुंभ या वृष राशि वालों के लिए भी गोमेद रत्न की सलाह दी जाती है।