भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बरसाने में राधा जी का जन्म हुआ था। इस साल राधा जी के जन्म का उत्सव 6 सितंबर को मनाया जा रहा है। राधाजी को सभी कामनाओं का साधन माना जाता है, इसलिए लोग राधाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि राधा को प्रसन्न करने से भगवान कृष्ण का भी आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। क्योंकि राधा कृष्ण को प्रिय है। राधा अष्टमी की खास रौनक राधा मां की जन्मस्थली बरसाने में देखने को मिलती है। कई जगह यह भी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को खास मनाने के लिए पेश हैं राधे कृष्ण के ये सदाबहार भजन…

राधा रानी की आरती पढ़ें यहां

1. राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे (Radhe Radhe Radhe Barsane Wali Radhe) – राधा जी पर बना ये गाना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इस गाने में उनकी जन्मस्थली बरसाने का भी जिक्र है। आप भी सुनिए इस शानदार भजन को…

2. राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे – जया किशोरी की आवाज में ये गाना भी काफी लोकप्रिय है। ये आपको राधे कृष्ण की भक्ति में लीन कर देगा।

3. मीठे रस से भरो नी राधा रानी लागे – राधा रानी को समर्पित ये भजन हमेशा सबकी पसंद बना रहा है। आप भी सुनिए…

4. राधे के बिना श्याम आधा, कहते राधे श्याम – इस भजन को अनूप जलोटा ने गाया है। इस गीत में राधे श्याम के नाम की महिमा का बखान किया गया है।

5. राधिके ले चल परली पार – इस भजन को देवी चित्रलेखा ने गाया है और ये ब्रिज की मालिक राधा रानी एल्बम का गीत है। आप भी सुनिए इस खूबसूरत गीत को…

राधा अष्टमी का महत्व – राधाजी को सभी कामनाओं का साधन माना जाता है, इसलिए लोग इनके जन्म दिवस पर व्रत रख विधि विधान पूजा करते हैं। माना जाता है जो भी व्यक्ति राधाष्टमी का व्रत करता है, उसके घर में लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है। पति और संतान की लंबी उम्र और घर में खुशहाली बनाए रखने के लिए भी इस व्रत का करने का विशेष महत्व है।

राधा अष्टमी व्रत कथा