इक ओंकार सतनाम करता पुरख… बहुत से लोग अपने घरों में गुरु नानक देव की इस वाणी को सुनना पसंद करते हैं। सिखों के पहले गुरु नानक देव जी ने समाज में फैले भेद भाव को खत्म करने के लिए ‘इक ओंकार’ का नारा दिया। जिसका मतलब है कि ईश्वर एक है। वह सभी जगह मौजूद है। हम सबका “पिता” वही है इसलिए सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। इस शब्द के माध्यम से उन्होंने सभी जाति, धर्म, वर्ण, लिंग और श्रेणी के लोगों को एक ही ईश्वर की संतान बताकर एक स्तर पर लाने की कोशिश की। गुरु नानक देव के इस संदेश को सुनें मशहूर गायिका हर्षदीप कौर (Harshdeep Kaur) की आवाज में…

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी का आरंभ ओंकार मूल मंत्र से होता है। गुरु नानक देव जी के द्वारा दिया गया एक ओंकार का नारा हमें उस परमात्मा की परिभाषा बताता है जिसकी सब अलग-अलग रूप में पूजा करते हैं। एक ओंकार का मतलब है अकाल पुरख (परमात्मा) एक है। उसके जैसा कोई और नहीं है। वो सब में रस व्यापक है। हर जगह मौजूद है। Ik Onkar By Harshdeep Kaur

इक ओंकार का मतलब (Ek Onkar Meaning) :

इक : ईश्वर एक ही है

ओंकार : ईश्वर जो अनंत है

सतनाम : अकाल पुरख का नाम ही सबसे सच्चा है।

करता पुरख : वो सब कुछ बनाने वाला है और वो ही सब कुछ करता है।

निरभऊ : अकाल पुरख को किसी का भय नहीं है।

निरवैर : अकाल पुरख का किसी से कोई बैर यानी दुश्मनी नहीं है।

अकाल मूरत : प्रभु की शक्ल काल रहित है। उन पर समय का प्रभाव नहीं पड़ता। उसका कोई आकार कोई मूरत नहीं है।

अजूनी : वो ना तो पैदा होता है ना मरता है।

स्वैभं 🙁 स्वयंभू) उसको किसी ने न तो जनम दिया है, न बनाया है वो खुद प्रकाश हुआ है।

गुरप्रसाद : गुरु की कृपा से परमात्मा हृदय में बसता है। गुरु की कृपा से अकाल पुरख की समझ इनसान को होती है।

इक ओंकार लिरिक्स हिंदी (Ek Onkar Lyrics):

इक ओंकार सतनाम करता पुरख ..
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्तार
उखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल