Kharmas 2019, Posh Month Start Date: 12 दिसंबर सुबह 10 बजकर 42 मिनट से पौष का महीना शुरू हो चुका है। इस पूरे महीने में किसी भी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित है। हिंदू धर्म में इस महीने को मलमास या खरमास कहते हैं जिसमें शादी ब्याह, बच्चों का मुंडन, किसी नए काम की शुरुआत समेत सभी शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। क्योंकि इस माह में सूर्य सबसे कमजोर स्थिति में होता है और मांगलिक कार्यों के लिए सूर्य का मजबूत रहना जरूरी है। जानिए अब कब शुरू होंगे शादी ब्याह के मुहूर्त और क्या है पौष महीने का महत्व…
साल 2020 के विवाह मुहूर्त (2020 Wedding Dates):
14 जनवरी 2020 को मकर सक्रांति के बाद से मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ हो जायेंगे। इस दिन सूर्य बृहस्पति की राशि को छोड़कर मकर राशि में आ जायेंगे। जिससे सूर्य और गुरु दोनों ही प्रबल हो जायेंगे। जानिए कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त…
जनवरी– 16, 17, 18, 19, 20, 21, 21, 22, 29, 30, 31 तारीख
फरवरी– 3, 4, 5, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 25, 26, 27 तारीख
मार्च– 1, 2, 3, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 तारीख
अप्रैल– 14, 15, 20, 25, 26, 27 तारीख
मई– 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 10, 12, 17, 18, 19, 23, 24, 29 तारीख
जून– 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 30 तारीख
नवंबर– 26, 30 तारीख
दिसंबर– 1, 2, 6, 7, 8, 9, 11 तारीख
पौष के महीने का महत्व- इस महीने में सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस समय सूर्य का रथ घोड़े के स्थान पर गधे का हो जाता है। इस गधों का नाम ही खर है। इसलिए इसे खरमास भी कहा जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस मास में भग नाम के सूर्य की उपासना करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि पौष मास में भगवान भास्कर सर्दी से राहत देते हैं। इस पूरे महीने सूर्य को जल देने तथा उसके निमित्त व्रत करने का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है।
पौष माह के व्रत-त्योहार: पौष के पूरे महीने को ही आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में कुछ प्रमुख व्रत एवं त्योहार पड़ते हैं। इस महीने पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा पर पितृ दोष या कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए व्रत एवं उपवास रखा जाता है। इसी के साथ सफला एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी इस महीने के प्रमुख त्योहार हैं।
पौष माह में क्या न करें: मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। क्योंकि इस समय सूर्य गुरु की राशि में प्रवेश कर जाते हैं जिससे गुरु की स्थिति कमजोर हो जाती है। इस माह शादी, सगाई, वधू प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ न करें।