Pongal 2020 Date: पोंगल दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक मुख्य त्योहार है। ये एक दिन का नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है। पोंगल का वास्तविक अर्थ है उबालना। गुड़ और चावल को उबालकर सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ही पोंगल कहा जाता है। ये त्योहार प्रकृति को समर्पित है। यह पर्व हर साल 14 या 15 जनवरी से शुरू होता है। ये फसल की कटाई का उत्सव है। जिसमें लोग समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा अपने पशुओं की पूजा कर उनका आभार प्रकट करते हैं।
पोंगल की तिथियां:
15 जनवरी – पहला दिन भोगी पोंगल
16 जनवरी – थाई पोंगल
17 जनवरी – मट्टू पोंगल
18 जनवरी – कन्या पोंगल
पोंगल का इतिहास: ये त्योहार दक्षिण भारत में विशेष कर तमिल के लोग मनाते हैं। भारत के अलावा इस पर्व को श्रीलंका, मॉरीशस, अमेरिका, कनाड़ा और सिंगापुर में भी विशेष रूप से मनाया जाता है। इस पर्व से तमिल महीने की पहली तारीख प्रारंभ होती है। तमिल मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार का संबंध भगवान शिव से है। कहा जाता है कि भगवान शिव का एक बैल है जिसका नाम मट्टू है। उसे एक भूल के कारण भगवान शिव ने धरती पर भेज दिया और कहा कि वह मानव जाति के लिए अन्न पैदा करे। तभी से ये बैल कृषि कार्य में सभी की मदद करता आ रहा है। इसलिए इस दिन किसान अपने बैलों को स्नान कराते हैं, उनके सींगों को सजाते हैं और उनकी पूजा भी करते हैं।
[bc_video video_id=”5974280365001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]
कैसे मनाया जाता है पोंगल: इस पर्व के चौथे दिन तमिल के लोग अपने घरों को फूलों और आम के पत्तों से सजाते हैं। घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं। एक दूसरे को मिठाई भेजकर पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। कहा जाता है कि इस दिन से तमिल नववर्ष की शुरुआत भी हो जाती है।
चार दिनों का उत्सव पोंगल: इस पर्व के पहले दिन घर की साफ सफाई करते हैं और पुराने सामानों को घर से निकालकर उसे जला दिया जाता है। इसे भोगी पोंगल कहते हैं। दूसरे दिन लोग अपने घर में सूर्य देव को चढ़ाने के लिए एक विशेष तरह का पकवान तैयार करते हैं जिसे पोंगल कहा जाता है। तीसरे दिन मट्टू पोंगल मनाया जाता है। इस दिन जीविकोपार्जन में सहायक पशुओं के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। चौथे और इस पर्व के आखिरी दिन लोग एक दूसरे को मिठाई देकर पोंगल पर्व की शुभकमानाएं देते हैं।