Modi Birth Kundli: प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को मेहसाणा, गुजरात के वडनगर में हुआ है। यदि उनके जन्म का समय दिन का मध्य मान लिया जाए और यदि उनका यह जन्म विवरण सत्य है तो उनकी कुंडली के लग्न में लग्नेश मंगल, भाग्येश चंद्रमा के साथ, पराक्रमेश और सुखेश शनि कर्म भाव में सप्तमेश और व्ययेश शुक्र के साथ, राहु पंचम भाव में शत्रु सूर्य के घर में और बुध एकादश में स्वाग्रही होकर मित्र सूर्य और केतु के साथ विराजमान है।
लग्न का स्वग्रही मंगल इन्हें अदम्य फ़ाइटर, ऊर्जावान, हिम्मती और सक्र‍िय बना कर विरोधियों के हर दांव को नाकाम करा रहा है।

शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ, केंद्र में है। शनि जो दूसरों को तनाव देने वाले ग्रह के रूप में कुख्यात है, मोदी जी की कुंडली में महत्वपूर्ण ग्रह के रूप में स्थापित है। सामान्य रूप से समझें तो उनके लिए ही नहीं बल्कि किसी के लिए भी यह स्थिति होशियारी, कूटनीति, अभिनय, योग और आध्यात्म के ज्ञान के साथ राजनीति के माहिर खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।

कर्म भाव का शनि एक ऐसे चतुर राजनेता का निर्माण करता है, जो जल्दी हार नहीं मानता। और कर्म के शनि के साथ शुक्र की युति एक शक्तिशाली राजयोग बनाती है। राजनीति की बिसात पर ऐसे लोग आगे की कई चाल पहले ही चल देने के लिए जाने जाते हैं। (यह भी पढ़ें- PM Modi का बर्थ मूलांक है 8, इस अंक वालों पर शनि का रहता है विशेष प्रभाव)

नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2021 से मंगल की महादशा भोग रहे हैं। मंगल लग्नेश और षष्ठेश होकर लग्न में ही विराजमान है। यह महादशा मिश्रित फल देगी और इच्छाओं के विपरीत परिणाम मिलेंगे। अति उत्साह से नकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। ज़िद से क्षति होगी।

19 जून 2021 से मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा आरंभ हो गयी है जो 7 जुलाई 2022 तक चलेगी। एक बरस सोलह दिन का यह कालखण्ड सतर्क रहने का समय है।

पीएम मोदी ही नहीं, बल्कि जिस किसी की कुंडली मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही हो उसके लिए एक बरस सोलह दिन का यह काल खंड छोटे-बड़े आकस्मिक तनाव देगा। अग्नि, कीट व शत्रुओं से भय का भी योग है। कार्यों में विचित्र तरह के विघ्न दरपेश आते हैं। अंतर्मन में बेचैनी तारी रहेगी। इस दरम्यान मामूली स्वास्थ्य समस्याओं और दुर्घटनाओं के प्रति सजग रहने की दरकार है। इन सभी लोगों को जोखिम लेने से बचना चाहिए। लचीले रुख़ से लाभ होगा।