Shani Gochar 2022: ज्योतिष में शनि देव को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। मान्यता है शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। वहीं शनि देव लगभग 30 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं। इस साल शनि देव 29 अप्रैल को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जब- जब शनि देव गोचर करते हैं तो कुछ राशि वालों को साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है, तो कुछ पर शुरू होतीं हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनि के गोचर से किन राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव शुरू होगा और उनके जीवन में क्या परिवर्तन आएंगे…

इन 2 राशियों पर शुरू होगा ढैय्या का प्रभाव:

वैदिक ज्योतिष के अनुसार वर्तमान में शनि देव अपनी स्वराशि मकर में संचरण कर रहे हैं। इसलिए इस दौरान मिथुन और तुला राशि के लोगों पर शनि ढैय्या चल रही है। वहीं 29 अप्रैल से शनि अपनी प्रिय राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। शनि के इस राशि में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वाले इसकी चपेट में आ जाएंगे। आपको बता दें शनि ढैय्या की अवधि ढाई साल की होती है। जिसमें शनि शारीरिक और मानसिक कष्ट देते हैं हा अगर व्यक्ति के कर्म सही हैं, तो फिर शनिदेव अच्छा फल देते हैं। क्योंकि शनि ही एक ऐसे ग्रह हैं जो व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं।

शनि ढैय्या का फल:

आमतौर पर लोग शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का नाम सुनकर भयभीत हो जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि शनि देव को दंडाधिकारी कहा जाता है। मतलब शनि देव कर्मों के हिसाब से व्यक्ति को फल प्रदान करते हैं। वहीं जब किसी व्यक्ति पर ढैय्या चल रही होती है। तो वहां यह देखना जरूरी होता है। कि उस व्यक्ति की कुंडली में शनि देव कहां और किस अवस्था में विराजमान हैं। अगर शनि देव सकारात्मक स्थित हैं, तो ढैय्या का प्रभाव कहीं हद सकारात्मक रहेगा।

इन उपायों से मिल सकती है शनि दोष से मुक्ति:

पीपल के पेड़ की पूजा: 

सूर्योदय से पहले पीपल की पेड़ की पूजा करने से शनि देव की कृपा बरसने लगती है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाना चाहिए। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

शनि दोष से मिलेगी मुक्ति:

शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या चल रही है तो शनि मंदिर में काले चमड़े के जूते या चप्पल पहन कर जाएं और घर नंगे पांव लौटे ऐसा करने से शनि दोषों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। (यह भी पढ़ें)- Budh Gochar: बुध ग्रह करने जा रहे हैं गोचर, इन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव, खुल सकते हैं तरक्की के नए द्वार

इन चीजों का करें दान:

 एक कांसे की कटोरी में तिल या सरसों का तेल भर कर उसमें अपना चेहरा देख कर उस कटोरी को तेल सहित डाकोत को दान करें। ऐसा करने से शनि ग्रह मजबूत होता है।

शनि चालीसा और शनि मंत्र का करें जाप:

शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनि प्रतिमा के सामने सरसो के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही शनि चालीसा और शनि के मंत्र ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमःका जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। (यह भी पढ़ें)- Palmistry: हाथ में इन 5 निशानों का होना माना जाता है बेहद शुभ, मान्यता है जीवन में खूब मिलता नेम- फेम