Navratri Kalash Sthapna 2019 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Timings: नवरात्रि के दिनों में कलश की स्थापना की जाती है। इसे काफी शुभ माना गया है। नवरात्रि के पहले दिन घर में कलश स्थापित कर नवरात्रि के आखिरी दिन यानी दशवें दिन उसे विसर्जित कर दिया जाता है। लेकिन कलश स्थापित करने के पीछे क्या रहस्य है, क्या इसका महत्व है, शायद ही इसके बारे में कोई जानते हो। यहां जानिए आखिर शुभ कार्यों में क्यों की जाती है कलश की स्थापना…
Navratri 2019 Start Date: Kalash Sthapana
हिंदू धर्म में कलश पूजन का विशेष महत्व होता है। सिर्फ नवरात्रि ही नहीं बल्कि कई मौकों पर कलश की स्थापना की जाती है या यूं कहें कि शुभ काम में घटस्ठापना जरूरी है। शुभ काम जैसे गृह प्रवेश के समय, व्यापार में नए खातों के आरंभ के समय, दीपावली पूजन के समय, किसी भी विशेष अनुष्ठान, पूजा आदि के अवसर पर कलश जरूर स्थापित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश को विश्व ब्रह्मांड का, विराट ब्रह्म का, भू-पिंड यानी कि ग्लोब का प्रतीक माना जाता है। इसे शांति और सृजन का संदेशवाहक भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि संपूर्ण देवता इस कलशरूपी ब्रह्मांड में एकसाथ समाए हुए हैं।
एक माध्यम में, एक ही केंद्र में समस्त देवताओं को देखने के लिए कलश की स्थापना की जाती है। कलश को सुख- समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला माना जाता है। इसलिए समस्त मंगलकारी कार्यों में इसका होना जरूरी होता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रुद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना गया है। नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित सभी शक्तियों का कलश में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है तथा सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।
कलश को सभी देव शक्तियों, तीर्थों आदि का संयुक्त प्रतीक मानकर उसे स्थापित कर उसकी पूजा की जाती है। कलश में पवित्र जल भरा जाता है। जिसका मतलब होता है कि हमारा मन भी जल की तरह शीतल, स्वच्छ एवं निर्मल बना रहे। हमारे शरीररूपी पात्र हमेशा श्रद्धा, संवेदना और सरलता से भरे रहें। इसमें किसी भी तरह की कुत्सित भावनाएं क्रोध, मोह, ईर्ष्या, घृणा आदि ना पनपें।