Durga Saptashati, Navratri 2020, Vrat Katha in Hindi: नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। देवी के नौ स्वरूपों में क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कत्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं। इस बार नवरात्रि में कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इन योगों में मां की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जा रही है। नवरात्रि में 4 सर्वार्थ सिद्धि योग, 5 रवि योग और 1 द्विपुष्कर योग भी बन रहा है।

नवरात्रि में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विधान है। दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं, जो मार्कण्डेय पुराण से लिए गए हैं। वैसे तो नवरात्रि में प्रतिदिन सभी तेरह अध्याय का सस्वर पाठ करना शुभ माना गाया है। परंतु यदि रोजाना 13 अध्याय का पाठ करना संभव नहीं हो तो रोज एक या दो अध्याय का पाठ किया जा सकता है। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती के संपुट पाठ का भी विधान है।

संस्कृत में पाठ के लिए यहां क्लिक करें

संपुट पाठ में संपुट मंत्र सहित दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। संपुट मंत्र दुर्गा सप्तशती से संबंधित होना अच्छा माना गया है। दुर्गा सप्तशती का मूल रूप संस्कृत में है, ऐसे में कई भक्तों को संस्कृत में पाठ करना कठिन लगता है। दुर्गा सप्तशती का हिंदी पाठ करना भी अच्छा माना गया है।

हिंदी में पाठ के लिए यहां क्लिक करें

दुर्गा सप्तशती का अनुवाद हिंदी में भी किया गया है। अगर संस्कृत पाठ करने में कठिनाई हो तो इसका हिंदी पाठ भी किया जा सकता है। हिंदी पाठ करने से भी उतना ही फल मिलता है जितना की संस्कृत पाठ से मिलता है।