नवरात्र हिन्दुओं का ऐसा पर्व है जिसमें श्रद्धालु मां दुर्गा का पूजन करते हैं। नवरात्र का अर्थ है नौ रातों का समूह, जिसमें मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। सबसे पहले भगवान रामचंद्र ने समुंद्र के किनारे नौ दिन तक दुर्गा मां का पूजन किया था और इसके बाद लंका की तरफ प्रस्थान किया था। नवरात्र में मां दुर्गा का पूजन करके भक्त मनोवांछित फल पाते हैं। पुराणों में नवरात्रों की महिमा का बहुत सुंदर गुणगान मिलता है। नवरात्रों में घर पर पूजा करने का विशेष विधान होता है। इन दिनों कुछ बातों का ध्यान रखने से मां दुर्गा जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बनाए रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में मां कैलाश छोड़कर धरती पर अपने भक्तों के साथ रहती हैं।

नवरात्र के नौ दिनों में हर कोई अपने-अपने तरीके से माता की आराधना करता है लेकिन उद्देश्य केवल एक होता है माता की कृपा प्राप्त करना। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त मां की सच्चे दिल से पूजा-अराधना करते हैं मां उन्हें सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं। मां की पूजा आराधना के लिए कई भावपूर्ण भजन बने हैं। ये भजन मां की पूजा, सत्संग आदि में प्रयोग भी होते हैं। पहले के समय में थोड़े अलग तरह के भजन और गीत हुआ करते थे। उनमें किसी तरह का ज्यादा शोर नहीं होता था बहुत सीधे और सरल हुआ करते थे। लेकिन जैसे-जैसे जमाना बदलता गया वैसे ही भजन और गीतों में भी बदलाव आता गया। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ चुनिंदा मां के भजन लेकर आए हैं जिन्हें सुनकर आप अपनी सभी चिंताओं से मुक्त हो जाएंगे।

1. भोर भई दिन चढ़ गया ..

2. जगजीत सिंह की मखमली आवाज में देवी गीत

3. भोजपुरी देवी गीत

4. तूने मुझे बुलाया शेरावालिए

5. दुर्गा आरती