Navaratri Kalash Sthapna 2019 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Timings: शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो गई हैं। ये नवरात्रि साल में आने वाली 4 नवरात्रियों में से सबसे अहम मानी जाती है। नवरात्रि के पहले दिन लोग अपने घर के पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करते हैं। जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है। लेकिन इस कलश स्थापना से संबंधित कुछ नियम और विधि है जो सभी को जानना जरूरी है…
कलश स्थापना का मुहूर्त:
कलश स्थापना प्रतिपदा तिथि को होती है। जो कि नवरात्रि का पहला दिन होता है। इस बार कलश स्थापना के दो मुहूर्त मिल रहे हैं। पहला मुहूर्त सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। जिसकी कुल अवधि 1 घंटा 22 मिनट्स की है। दूसरा शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि 47 मिनट्स की है। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 28 सितंबर को रात 11 बजकर 56 मिनट से हो जायेगा और इसकी समाप्ति 29 सितंबर को रात 08 बजकर 14 मिनट पर होगी। कलश स्थापना के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम माना गया है। लेकिन जो लोग सुबह स्थापना न कर पाएं वह दूसरे मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते हैं।
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कलश स्थापना के नियम:
– इस बात का ध्यान रखें कि कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें।
– कलश स्थापित करने के लिए पूजन स्थल से अलग एक पाटे या पटरे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं। उस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर जल से भरा कलश स्थापित करें। ध्यान रखें कि जल शुद्ध होना चाहिए।
– कलश का मुंह कभी भी खुला न रखें, उसे हमेशा ढक कर रखना चाहिए। कलश को यदि किसी ढक्कन से ढका है, तो उसे साबुत चावलों के दाने से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें।
– अगर कलश की स्थापना कर रहे हैं, तो दोनों समय मंत्रों का जाप करें और दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ भी करें।
– सुबह शाम पूजन करने के बाद मां को दोनों समय भोग लगाएं, भोग के लिए लौंग और बताशा सबसे उत्तमा माना गया है।
– कलश स्थापित करने वाले लोग विधिवत नवरात्रि के नौ दिनों कर मां अम्बे की पूजा अर्चना करें और नवरात्रि के दशवें दिन घट विसर्जन कर दें।