Naraka Chaturdashi 2019 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra: छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है इस दिन लोग अपने घर के बाहर यमराज के नाम का दीपक जलाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु कभी नहीं आती है। स्वास्थ्य बेहतर रहता है। छोटी दिवाली को रूप चौदस, रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान और दीप दान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान करने से इंसान को यमलोक से मुक्ति मिल जाती है। जानिए नरक चतुर्दशी की पूजा विधि, मुहूर्त और सामग्री लिस्ट…
कल है दीपावली, जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है यह त्योहार
Happy Naraka Chaturdashi 2019 (Choti/Chhoti Diwali 2019) Wishes Images, Pics, Wallpaper, Quotes, SMS, Messages: नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएं
नरक चतुर्दशी की तिथि और मुहूर्त (Narak Chaturdashi Muhurat) :
यम दीपम समय – 05:42 पी एम से 06:59 पी एम (26 अक्टूबर 2019)
अवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्स
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 26, 2019 को 03:46 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 27, 2019 को 12:23 पी एम बजे
अभ्यंग स्नान मुहूर्त – 05:17 ए एम से 06:30 ए एम (27 अक्टूबर 2019)
अवधि – 01 घण्टा 13 मिनट्स
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि (Narak Chaturdashi Puja Vidhi) :
– इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान किया जाता है। इस दौरान तिल के तेल से शरीर की मालिश करनी चाहिए, फिर अपामार्ग (औषधीय पौधा) को सिर के ऊपर से चारों ओर 3 बार घुमाए।
– नरक चतुर्दशी से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी को एक लोटे में पानी भरकर रखा जाता है। नरक चतुदर्शी के दिन उस पानी को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की परंपरा है। मान्यया है कि ऐसे स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
– स्नान के बाद यम की दिशा दक्षिण की तरफ हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें। ऐसा करने से पापों का नाश होता है।
– नरक चतुर्दशी पर यमराज के निमित्त तेल का दीपक भी जलाया जाता है। ये दीपक घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य घर के मुख्य द्वार के बाहर जलाता है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
– नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली के दिन शाम के समय भगवान का पूजन करने के बाद घर की चौखट पर दीये रख दें।
– नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
– इस त्योहार की अर्धरात्रि में घर के बेकार सामान को निकाल देना चाहिए। ऐसा करने से घर से दरिद्रता चली जाती है जिससे साफ घर में लक्ष्मी जी प्रवेश करती हैं।
Highlights
- हनुमान जी के सामने एक शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाएं- इसके बाद "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूँ फट" का यथाशक्ति जप करें- जप के बाद हनुमान जी से कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें
नरक चतुर्दशी 2019 पर इस समय करें दीपदान-चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 अक्टूबर 3 बजकर 46 मिनट।चतुर्दशी तिथि समाप्त 27 अक्टूबर 12 बजकर 33 मिनट।नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान प्रदोष काल में किया जाता है। दीपदान करने के लिए आज 26 अक्टूबर को संध्या काल में 5 बजकर 41 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट पर दीपदान किया जा सकता है।
नरक चतुर्दशी से जुड़ी एक और मान्यता है कि घर के बाहर दीपक जलाने से पितृपक्ष में धरती पर आए पितृ गण इस वक्त परलोक लौट रहे होते हैं और दीपक जलाने से उनका मार्ग रोशन होता है। इससे प्रसन्न होकर वे अपनी संतान को सुखी और खुशहाल रहने का आशीर्वाद देते हैं। वहीं नरक चतुर्दशी को यमराज और बजरंगी बली हनुमान की भी पूजा-अर्चना की जाती हैं। मान्यता है कि आज के दिन ही बजरंग बली का जन्म हुआ था।
नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण की दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं। मान्यता के अनुसार इस दिशा में दीए जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं। लोगों को अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है। मान्यता तो यह भी है कि ऐसा करने से घर के पूर्वज प्रसन्न होकर अपना आशीष घर के सभी सदस्यों पर हमेशा बनाए रखते हैं।
घर की समृद्धि के लिए नरक चतुर्दशी का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन घर के बाहर नाली पर एक दीया जरूर जलाना चाहिए। समाजिक मान्यता के लिहाज से यह संदेश जाता है कि घर की और आस-पास की सभी नालियां हमेशा साफ-सुथरी रहनी चाहिए और जल की निकासी कभी भी अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए। इसका सीधा संबंध घर की आर्थिक स्थिति से होता है। अगर आपके घर की नालियां जाम होती हैं तो ऐसा माना जाता है कि आमदनी रूक जाती है। पानी का संबंध वरुण देव से है और वरुण का संबंध धन से है, इसीलिए वरुण के निवास समुद्र को रत्नाकर कहा जाता है।
- मान्यताओं के अनुसार नरक से बचने के लिए इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर में तेल की मालिश करके स्नान किया जाता है। स्नान करने का मुहूर्त 27 अक्टूबर को 05:17 ए एम से 06:30 ए एम तक का है।
- स्नान के दौरान अपामार्ग की टहनियों को सात बार सिर पर घुमाना चाहिए।
- टहनी को सिर पर रखकर सिर पर थोड़ी सी साफ मिट्टी रखें लें।
- अब सिर पर पानी डालकर स्नान करें।
- इसके बाद पानी में तिल डालकर यमराज को तर्पण दिया जाता है।
- तर्पण के बाद मंदिर, घर के अंदरूनी हिस्सों और बगीचे में दीप जलाने चाहिए।
चतुदर्शी तिथि प्रारंभ: 26 अक्टूबर 2019 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से
चतुदर्शी तिथि समाप्त: 27 अक्टूबर 2019 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
अभिज्ञान स्नान मुहूर्त: 27 अक्टूबर 2019 को सुबह 05 बजकर 16 मिनट से सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक
कुल अवधि: 01 घंटे 17 मिनट
नरक चतुर्दशी पर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर यमदेव को प्रसन्न किया जाता है। घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढेरी रखें। इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं। रात्रि में हनुमान जी के समक्ष घी का एकमुखी दीपक जलाएं। हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं। हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें। भगवान लक्ष्मीनारायण को पीले गेंदे के फूलों की माला अर्पित करें।
नरक चतुर्दशी के दिन आप शाम के समय गणेश और लक्ष्मी जी की विधि विधान पूजा करें। घर में और बाहर दीपक जलाएं और घर के मुख्य द्वार पर एक बड़ा दीपक जरूर जलाएं। इससे पारिवारिक कलह खत्म होगा।
तुला राशि - तुला राशि वालों को अपने सेहत में सुधार लाने के लिेए शाम के समय यम के नाम का दीपक जरूर जलाना चाहिेए।
वृश्चिक राशि - आज नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छे योग बन रहे हैं। शाम को हनुमान जी के दर्शन कर उन्हें सिंदूर चढ़ाकर दीपक अवश्य जलाएं।
धनु राशि- इस राशि के लोगों को आज तरक्की मिलने के योग बन रहे हैं। आज के दिन माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलें और माता लक्ष्मी और गणेश जी की शाम के समय पूजा जरूर करें।
कर्क राशि - आपको परिवार का सहयोग मिलेगा, जिससे आपको राहत मिलेगी। शाम के समय दीपक जलाकर शनि मंदिर में काला कपड़ा भेंट करना चाहिए। ऐसा करने से लंबी आयु का वरदान मिलेगा।
सिंह राशि - आज आप पर मां लक्ष्मी की कृपा रहेगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। तुलसी के पास दीपक जलाएं और गाय को रोटी खिलाने से लाभ होगा।
कन्या राशि- इस राशि के लोगों का ध्यान आध्यात्म की ओर लगा रहेगा। इन लोगों को अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आज का समय बेहद शुभ है।आज के दिन घर के पास मन्दिर में जाकर दीपक जलाने से लाभ मिलेगा।
मेष राशि - आज मेहनत का अच्छा और पॉजिटिव रिजल्ट मिलेगा। आज शाम को घर के आंगन में दीपक जलाएं, सब अच्छा होगा।
वृषभ राशि- आज रुके हुए कार्य पूरे होने की संभावना है। उपाय के लिए आज चौमुखी दीपक जलाकर हनुमान जी की उपासना करें इससे आपको लाभ मिलेगा।
मिथुन राशि- आज आपको अपने कार्यों में दूसरों की सहायता मिलेगी। आज के दिन स्नान करते समय पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर नहाएं, ऐसा करने से सुख की प्राप्ति होगी।
आज का शुभ मुहूर्तः अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 57 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक। अमृत काल मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट से से अगली सुबह 01 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
आज घर के मुख्य द्वार पर शाम 6 बजे से 7 बजे तक के बीच यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। ये दीपक घर का सबसे बड़ा सदस्य जलाता है। घर के मुख्य द्वार पर दीपक इस तरह से जलाया जाता है कि उसकी लौ दक्षिण दिशा की तरफ रहे। क्योंकि ये यम की दिशा होती है। दीपक जलाते समय यम देवता से प्रार्थना करें कि आपके परिवार पर से अकाल मृत्यु का भय हट जाए और स्वास्थ्य उत्तम रहे। दीपक जलाने के बाद घर का कोई सदस्य बाहर न जाए।
- हनुमान जी के सामने एक शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाएं- इसके बाद "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूँ फट" का यथाशक्ति जप करें- जप के बाद हनुमान जी से कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें
- मुख्य द्वार पर एक ही बड़ा सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं।
- इस दिन के पहले ही घर की साफ सफाई कर लें।
- अगर ज्यादा पूजा उपासना नहीं कर सकते तो कम से कम हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें
- जो भी भोजन बनाएं। उसमें प्याज लहसुन का प्रयोग न करें।
- नरक चतुर्दशी पर शाम के समय मुख्य दीपक लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जलता है।
- इसको यमदेवता के लिए दीपदान कहते हैं।
- घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढेरी रखें।
- इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं।
- दीपक का मुख दक्षिण दिशा ओर होना चाहिए।
- दीपक घर का सबसे बड़ा यानी बुजुर्ग सदस्य जलाता है।
- दीपक जलाने के दौरान घर के बाकी सदस्य घर में ही रहते हैं। इस दीपक को कोई नहीं देखता।
महत्व: छोटी दिवाली पर खास तौर पर लोग यम देवता की पूजा कर घर के मुख्य द्वार के बाहर तेल का दीपक जलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु कभी नहीं आती। इस दिन सुबह सूर्योदय से शरीर पर सरसों का तेल लगाकर स्नान करने का विशेष महत्व है। स्नान के बाद भगवान हरि यानी विष्णु मंदिर या कृष्ण मंदिर जाकर दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से पाप से मुक्ति मिलती है और सौन्दर्य बढ़ता है। छोटी दिवाली को यम चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध महीने में आए हुए पितर इसी दिन चंद्रलोक वापस जाते हैं। इस दिन अमावस्या होने के कारण चांद नहीं निकलता जिससे पितर भटक सकते हैं इसलिए उनकी सुविधा के लिए नरक चतुर्दशी के दिन एक बड़ा दीपक जलाया जाता है। यमराज और पितर देवता अमावस्या तिथि के स्वामी माने जाते हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी अपने घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए। अगर किसी जरुरी काम से आपको बाहर जाना ही पड़े तो कोशिश करें घर में आपके अलावा कोई न कोई अवश्य मौजूद रहे। घर में समृद्धि का वास बनाए रखने और अकाल मत्यु से बचने के लिए आज के दिन नरक चतुर्दशी पर घर की दक्षिण दिशा में एक दीपक में कौड़ी, 1 रूपये का सिक्का रखकर जलाकर यमराज से अकाल मत्यु से बचने के लिए प्रार्थना करें।
नरक चतुर्दशी 2019 पर इस समय करें दीपदान-चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 अक्टूबर 3 बजकर 46 मिनट।चतुर्दशी तिथि समाप्त 27 अक्टूबर 12 बजकर 33 मिनट।नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान प्रदोष काल में किया जाता है। दीपदान करने के लिए आज 26 अक्टूबर को संध्या काल में 5 बजकर 41 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट पर दीपदान किया जा सकता है।