Kaal Sarp Dosh Remedies: ज्योतिष अनुसार कालसर्प योग को एक पीड़ादायक योग माना जाता है। इस योग के कुंडली में बनने से व्यक्ति को काफी दुखों का सामना करना पड़ता है। जब कुंडली के सारे ग्रह राहू और केतु के बीच में आ जाते हैं तब कालसर्प योग बनता है। व्यापार में लगातार नुकसान, मानसिक परेशानी, संतान नहीं होना, आर्थिक तंगी, बुरे सपने आना, सपने में बार-बार सांप दिखाई देना कालसर्प दोष के लक्षण हैं।
कालसर्प योग लक्षण: जब कुंडली के भावों में सारे ग्रह दाहिनी ओर हों तो यह कालसर्प योग नुकसानदायक नहीं होता। लेकिन जब सारे ग्रह बाईं तरफ हों तो वह नुकसानदायक होता है। कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं। अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखनाद, घातक, विषाक्त और शेषनाग। अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग होता है तो व्यक्ति को बुरे सपने दिखाई देते हैं। इसके साथ ही सपने में बार-बार सांप भी दिखाई देते हैं। मृत्यु के सपने भी उसे हमेशा भयभीत करते रहते हैं। तमाम मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती।
नागपंचमी पर कालसर्प योग के उपाय: ज्योतिषियों के मुताबिक कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन श्री हरि विष्णु की उपासना करनी चाहिए। इसके अलावा गोमेद या फिर चांदी की धातु से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी पहननी चाहिए। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए शनिवार के दिन बहते हुए जल में थोड़े से कोयले डालकर प्रवाहित करना भी फलदायी बताया गया है। यदि राहु-केतु का जाप और अनुष्ठान करवाया जाए तो भी कालसर्प से होने वाली परेशानियों से राहत मिलती है। नागपंचमी के दिन व्रत रख नागों की पूजा करना भी इस दोष से मुक्ति के लिए बेहतर उपाय है।
इस दोष को दूर करने के लिए जातकों को नाग पंचमी के दिन मंदिर में सोना, चांदी, तांबा, पीतल के नाग नागिनों के जोड़े बनाकर चढ़ाने चाहिए। शिव शंकर का अभिषेक करना चाहिए। रूद्राभिषेक कर नौ प्रकार के नागों की प्रतिमा बना उनको नदी में प्रवाहित करना चाहिए। इस दिन नाग स्त्रोत का पाठ करें। नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं।
निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
(अ) ‘नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय’
(ब) ‘ॐ नागदेवतायै नम:’ या नागपंचमी मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।’
