Nag panchami 2019: हिंदू धर्म में सावन के महीने का जितना महत्व है उतना ही महत्व इन दिनों आने वाली नाग पंचमी का भी है। साल 2019 में नाग पंचमी 05 अगस्त यानी की सोमवार के दिन पड़ रही है। और इस दिन 26 सालों बाद संजीवनी महायोग भी बन रहा है। सावन सोमवार और नागपंचमी के संयोग को संजीवनी महायोग कहा है। इससे पहले 16 अगस्त 1993 को यह योग बना था। इस साल के बाद यह योग 21 अगस्त 2023 को बनेगा। यहां जानिए नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व….

नांग पंचमी शुभ मुहूर्त: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागदेव का पूजन करने की परंपरा है। 4 अगस्त शाम 6.48 बजे से पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी तथा 5 अगस्त दोपहर 2.52 बजे तक रहेगी। नाग पूजन का शुभ समय 5 अगस्त सुबह 6 बजे से 7.37 तक और उसके बाद सुबह 9.15 से 10.53 तक रहेगा।

नागपंचमी पर बन रहे हैं कई दुर्लभ योग, पूजा का मिलेगा दोगुना लाभ

नांग पंचमी पूजा विधि – नाग पंचमी के दिन नाग को देवता मान कर पूजा जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार नाग पंचमी की सुबह स्नान आदि करके भक्त अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नाग का चित्र बनाएं। प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। एक साफ चौकी पर नाग देवता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। फिर नाग देवता को पंचामृत से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद चंदन और जल अर्पित करें। हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य, द्रव्य, धूप दीप, नैवेद्य, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाने के बाद अंत मे आरती करें। इसके बाद नाग देवता को भोग लगाएं। माना जाता है कि इस दिन संभव हो तो किसी सर्प को दूध अवश्य अर्पित करें। नागपंचमी पर रुद्राभिषेक कराने का भी अत्यंत महत्व है। पुराणों के अनुसार पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है इसलिए उनकी पूजा इस दिन अवश्य की जानी चाहिए।

नाग पंचमी की कथा, ताकि कालसर्प दोष से मुक्ति मिले

नागपंचमी का महत्व (Nag panchami Ka Mahatva): शास्त्रों के अनुसार नाग को मां लक्ष्मी का रक्षक माना गया है साथ ही इसे धन का भी रक्षक माना जाता है। नागपंचमी के दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना की जाती है। मान्यता है कि इनकी आराधना से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा से मां लक्ष्मी का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है।

कुंडली में है कालसर्प दोष तो नागपंचमी पर करें ये उपाय
Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष गणना भी कहती है कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष हो उन्हें नाग पंचमी के दिन विशेष उपाय करना चाहिए। दरअसल जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाएं तो उसे काल सर्प दोष कहते हैं। नागपंचमी को कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उत्तम माना गया है।