Durga Aarti: नवरात्रि के पर्व की शुरुआत हो गई है। हिंदू घरों में मां की पूजा की तैयारी चल रही है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना भी की जाती है। इन दिनों जौ लगाने की भी परंपरा है। जौ सुख समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। कई लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक उपवास रख मां की विधि विधान पूजा करते हैं। माता की पूजा में मंत्र, भजन, कथा के साथ एक और चीज है जो सबसे ज्यादा जरूरी मानी गई है वो है मां की आरती। इसके बिना पूजा पूरा नहीं होता। यहां देखें मां अम्बे की आरती…
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥
नवरात्रि पर्व का समापन 21 अप्रैल को होगा। नवरात्रि में 9 दिन उपवास रखने के अलावा कन्या पूजने की भी परंपरा है। कोई नवरात्रि में अष्टमी के दिन कन्या पूजन करता है तो कोई नवमी के दिन।