Mata Kalratri Ki Aarti Lyrics In Hindi: हिंदू मान्यता के अनुसार मां कालरात्रि का स्वरूप भयानक और शक्तिशाली है। उनका शरीर घने अंधकार के समान काला है और रूप काल के समान भयावह प्रतीत होता है। देवी कालरात्रि के तीन नेत्र हैं, जिनसे अग्नि की ज्वालाएं निकलती रहती हैं। उनके बिखरे हुए लंबे बाल उनके अद्भुत स्वरूप को और भी प्रभावशाली बना देते हैं। मां कालरात्रि गधे की सवारी करती हैं और उनकी चार भुजाएं हैं। एक हाथ में लोहे का अस्त्र और दूसरे में तलवार धारण किए रहती हैं। तीसरा हाथ सदैव अभय मुद्रा में रहता है, जिससे वह अपने भक्तों को निर्भयता का आशीर्वाद देती हैं। चौथा हाथ वरमुद्रा में रहता है, जिसके द्वारा वह अपने भक्तों को मनचाहा वरदान प्रदान करती हैं। ऐसे में यहां पढ़िए मां कालरात्रि की आरती, कालरात्रि जय जय महाकाली, काल के मुंह से बचाने वाली, दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा, महाचंडी तेरा अवतारा, पृथ्वी और आकाश पे सारा, महाकाली है तेरा पसारा की लिरिक्स इन हिंदी, साथ ही जानें मां कालरात्रि की आरती का महत्व, लाभ, अर्थ, आरती करने का सही समय और अन्य जानकारी…

मां कालरात्रि की आरती संबंधी अन्य जानकारी
  • मां कालरात्रि की आरती लिरिक्स इन हिंदी
  • मां कालरात्रि की आरती का महत्व
  • मां कालरात्रि की आरती करने के लाभ
  • मां कालरात्रि की आरती कैसे करें
  • मां कालरात्रि की आरती का सही समय?
  • मां कालरात्रि की आरती के बाद क्या करना चाहिए?
  • मां कालरात्रि की आरती अर्थ सहित

मां कालरात्रि की आरती लिरिक्स इन हिंदी (Mata Kalratri Ki Aarti Lyrics In Hindi)

कालरात्रि जय जय महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥


दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतारा॥पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥


खड्ग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥


कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥


सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥


रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥


ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥


उस पर कभी कष्ट ना आवे।
महाकाली माँ जिसे बचावे॥


तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥


मां कालरात्रि की आरती का महत्व

मां कालरात्रि को अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का विनाश करने वाली देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि उनकी आरती करने से भय, शत्रु और बुरी शक्तियां दूर होती हैं। साथ ही, घर-परिवार में समृद्धि, सुख और शांति का वास होता है। यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति मां कालरात्रि की आरती करता है, उसके मन से डर, संशय और नकारात्मक भावनाएं समाप्त हो जाती हैं।

मां कालरात्रि की आरती करने के लाभ

मां कालरात्रि को अंधकार और भय दूर करने वाली देवी कहा जाता है। कहा जाता है कि उनकी आरती करने से साधक हर प्रकार के डर और संकट से दूर रहता है।
मां की कृपा से शत्रु पराजित होते हैं और बुरी शक्तियों का नाश होता है। उनकी आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा पास नहीं आती।
कालरात्रि की आरती से मानसिक अशांति, तनाव और रोग दूर होते हैं। साधक को मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
मां कालरात्रि की आरती करने से परिवार में सुख-शांति और लक्ष्मी का वास होता है। घर में नकारात्मकता समाप्त हो जाती है।

मां कालरात्रि की आरती कैसे करें

मां कालरात्रि की आरती करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। घी या तेल का दीपक जलाएं। कपूर, धूप, फूल, अक्षत (चावल), रोली आरती की थाली में दीपक, कपूर और फूल रखें। मां को सिंदूर, अक्षत और फूल अर्पित करें। लाल या नीले रंग का फूल विशेष प्रिय माना जाता है। नैवेद्य (फल, मिठाई या गुड़) चढ़ाएं। धूप और कपूर जलाकर थाली घुमाते हुए मां कालरात्रि की आरती गाएं। आरती करते समय घंटी बजाएं। सभी भक्त आरती की लौ पर हाथ फेरकर अपने नेत्र और मस्तक से लगाएं। फिर आखिरी में प्रसाद सभी को बांटें।

मां कालरात्रि की आरती का सही समय?

ऐसा माना जाता है कि आरती सुबह स्नान और ध्यान के बाद मां कालरात्रि की आरती करने से दिनभर मां की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। वहीं, संध्या समय दीपक जलाकर की गई आरती विशेष फलदायी मानी जाती है। यह समय नकारात्मक ऊर्जा के नाश का प्रतीक है। बता दें कि नवरात्रि की सप्तमी के दिन सुबह और शाम, दोनों समय आरती करने से मां कालरात्रि की विशेष कृपा मिलती है।

मां कालरात्रि की आरती के बाद क्या करना चाहिए?

आरती करने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए कहें कि हे मां कालरात्रि … मेरे घर-परिवार की रक्षा करें। जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखें। साथ ही, उनसे कहें कि अगर पूजा करते समय कोई भूल चूक हो गई है, तो माफ करें।

मां कालरात्रि की आरती अर्थ सहित

कालरात्रि जय जय महाकाली।
काल के मुंह से बचाने वाली॥

अर्थ – हे मां कालरात्रि, आपकी जय हो, हे महाकाली स्वरूपिणी! आप ही महाशक्ति हैं जो संहारक रूप में संपूर्ण सृष्टि की रक्षा करती हैं। हे माता, आप ही वह शक्ति हैं जो अपने भक्तों को समय (मृत्यु) और विपत्तियों के मुख से बचाती हैं।

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतारा॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥

अर्थ – माता आपको दुष्टों का संहार करने वाली कहा जाता है। आप अधर्मियों, राक्षसों और अन्याय करने वालों का नाश करती हैं। आप महाशक्ति चंडी के रूप में अवतरित हुई हैं। यह रूप अत्यंत उग्र, शक्तिशाली और रक्षक है, जो बुराई का अंत करता है। कोई स्थान ऐसा नहीं है जहां आपकी शक्ति का प्रभाव न हो। आपका वास्तविक स्वरूप महाकाली है। संपूर्ण सृष्टि में आपकी शक्ति और प्रभाव फैला हुआ है।

खड्ग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

अर्थ – मां कालरात्रि खड्ग और खप्पर धारण करती हैं, वे दुष्टों का संहार करके धर्म की रक्षा करती हैं। उनका यह रूप बुराई को पूरी तरह समाप्त कर देता है।

कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

अर्थ – हे माता, आपका प्रमुख स्थान कलकत्ता है, जहां आप साक्षात विराजती हैं, परंतु आपकी महिमा और शक्ति हर जगह दिखाई देती है, समस्त संसार में आपका प्रभाव है।

सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

अर्थ – हे माता, आप इतनी महान और पूजनीय हैं कि देवता से लेकर साधारण मनुष्य तक, सभी आपकी महिमा गाते हैं और आपकी आराधना करते हैं।

रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

अर्थ – हे माता, आप रक्तदन्ता के रूप में दुष्टों का संहार करती हैं और अन्नपूर्णा बनकर अपने भक्तों का पालन करती हैं। आपकी कृपा से भक्त सभी दुःखों और कष्टों से मुक्त हो जाता है।

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥

अर्थ – मां कालरात्रि की कृपा से भक्त को ना तो चिंता रहती है, ना रोग-संताप, और ना ही कोई दुख या बड़ा संकट उसके जीवन को प्रभावित कर पाता है।

उस पर कभी कष्ट ना आवे।
महाकाली माँ जिसे बचावे॥

अर्थ – जिस भक्त को मां महाकाली का आशीर्वाद और रक्षा प्राप्त है, उस पर कभी कोई कष्ट या संकट नहीं आ सकता।

तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥

अर्थ – हे भक्त, तुम भी प्रेम और श्रद्धा से मां कालरात्रि की स्तुति करो और ‘मां कालरात्रि की जय’ कहकर उनका स्मरण करो। इससे मां प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं।