Manglik Dosh In Kundli: हिंदू धर्म में विवाह से पहले कुंडली मिलाने का विधान है। कुंडली मिलाते समय सबसे ज्यादा ध्यान मंगल दोष पर दिया जाता है। कई जगह अरेंज मैरिज में मंगल दोष पाए जाने पर विवाह नहीं किया जाता। अगर लव मैरिज में भी इस तरह का दोष सामने आ रहा है तब भी अधिकतर लोग इसका निवारण करने के बाद ही मैरिज करते हैं। आखिर क्या होता है मंगल दोष और क्या हैं इसके विचार जानिए…

कैसे बनता है मंगल दोष? कुंडली में प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव एवं द्वादश भाव में से किसी भी भाव में मंगल का होना व्यक्ति को मांगलिक बनाता है। मंगल दोष व्यक्ति को अधिक गुस्सैल और जिद्दी बनाता है। मंगल भारी होने पर दांपत्य जीवन में परेशानियां आने लगती हैं।

इन परिस्थितियों में खुद दूर हो जाता है मंगल दोष: ज्योतिष अनुसार मांगलिक व्यक्ति की शादी मांगलिक से होने पर मंगल दोष दूर हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि 28 साल की उम्र के बाद मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है। अगर आपकी कुंभ लग्न की कुंडली में मंगल चौथे और आठवें घर में हो तो मांगलिक दोष नहीं लगता। मीन और धनु लग्न की कुंडली में आठवें घर में मंगल होने से भी ये दोष खत्म हो जाता है। कन्या और मिथुन राशि के दूसरे भाव में मंगल का बैठा होना भी इस दोष को समाप्त करता है। अगर कुंडली में मंगल दोष है और उसी भाव में मंगल के सामने बृहस्पति, शनि, राहू या केतू स्थित है तब भी मंगल दोष खुद खत्म हो जाता है। ऐसे इंसान की शादी गैर मांगलिक से भी हो सकती है।

मंगल दोष के उपाय: मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं। हनुमान जी की पूजा और मंगलवार के व्रत रखने से इस दोष से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष की सलाह से मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं। गेहूं, मसूर की दाल, लाल फूल, वस्त्र, चंदन, तांबा, सोना, भूमि आदि का दान करें। मांगलिक दोष को दूर करने के लिए मंगल मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें। किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार से इस जाप को शुरू कर सकते हैं। मंगल का मंत्र- ऊँ अं अंगारकाय नम: “या” ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:।

कुंभ या पेड़ से विवाह मंगल दोष करता है दूर: जातक को वास्तविक विवाह से पहले कुंभ यानी घड़े से विवाह करना चाहिए। कई जगह मंगल दोष समाप्त करने के लिए कन्या का विवाह पीपल या बरगद के वृक्ष से भी कराया जाता है। मान्यता है कि विवाह के बाद उस वृक्ष को काट देना चाहिए।