देवों के देव महादेव भगवान शिव की आराधना और उपासना का पर्व है महाशिवरात्रि। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से इस महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार ये त्योहार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार ये दिन इस बार 11 मार्च को है। महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु उपवास रख शिव की विधि विधान पूजा करते हैं। पूजा के समय भगवान शिव की इस आरती को पढ़ना न भूलें।

Shiv Ji Ki Aarti: यहां पढ़े पार्वती शिव जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

महाशिवरात्रि यानी माता पार्वती और शिवजी के मिलन की रात्रि। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था। इसलिए इस खास दिन पर कई जगह रात्रि भर जागरण किया जाता है। तो ऐसे में शिव जी के ये भजन माहौल को भक्ति से भर देंगे…

महाशिवरात्रि के व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता है। इस दिन लोग फलाहार करते हैं और रात भर भगवान का कीर्तन करने के बाद अगले दिन उपवास खोलते हैं। महाशिवरात्रि पर जरूरतमंदों को दान करना काफी फलदायी माना जाता है।