Chandra Grahan 2018: आज इस साल का पहला चंद्र ग्रहण हो रहा है। इस चंद्र ग्रहण पर पुष्यकाल का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण के दौरान ब्रह्माण्ड में ऊर्जा की कमी की वजह से हर कोई प्रभावित होता ही है। ऐसे में हर किसी को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ग्रहण में आपको क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए आइए जानते हैं। ग्रहण काल के दौरान आलस्य ना करें। ग्रहण काल से पहले स्नान कर लें। इसमें ध्यान, पूजा उपासना और मंत्र जप विशेष शुभ होता है। अगर आप बीमार नहीं है तो ग्रहण काल में भोजन और भौतिक कार्य ना करें। गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल में सोना नहीं चाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के घर से बाहर निकलने की मनाही होती है। ऐसे में इस समय भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और मन में किसी भी तरह का शक-संदेह नहीं रखना चाहिए।
ग्रहणकाल के पहले बने हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डालें। तुलसी के पत्तों में पारा होता है जो नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है। घर के तमाम कोनों को गोबर से लीप दें। क्योंकि गोबर के अंदर रेडिऐशन अवशोषित करता है। यदि घर में कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे भोजन करवा सकते हैं। ग्रहण काल के दौरान चाकू या तेज धार का इस्तेमाल ना करें। क्योंकि इस दौरान इसका प्रयोग करने से नुकसान हो सकता है। इस दौरान चंद्रमा प्रभावित रहेगा और मन का स्वामी चंद्रमा होता है इसलिए इस दौरान आपका मन प्रभावी हो सकता है, जिससे मन पर इसका नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए कहा जाता है इस दौरान तेज धार वाले हथियारों से दूरी बनाए रखें। ग्रहण काल के दौरान भगवान शिव का ध्यान करें।
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ग्रहण खत्म हो जाने के बाद स्नान करें यदि स्नान नहीं कर सकते तो हाथ पैर धोकर वस्त्र बदलकर भोजन करें। ग्रहण की रात या उसकी अगली सुबह गरीबों को अनाज दान करें।
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