व्यक्ति की कुंडली की स्थिति के अनुसार तय किया जाता है कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव उसके लिए अच्छा है या फिर बुरा। इसके अलावा कुंडली में साढ़े साती के चरण और व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करता है कि इससे जातक को साढ़े साती से लाभ होगा या फिर नुकसान। आइए जानते हैं कि 5 राशियों को कब साढ़े साती से राहत मिलेगी-

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि की साढ़े साती के पहले चरण में शनि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। ढाई साल के इन 3 चरणों में से दूसरा चरण सबसे भारी है। शनि की साढ़े साती को 3 चरणों में बांटा गया है।

धनु, वृष, सिंह राशि के जातकों के लिए पहला चरण कष्टदायी माना जाता है। दूसरा चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक के लिए कष्टदायक और मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए अंतिम चरण कष्टदायक माना जाता है। यदि हम यह मान लें कि धनु राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हैं तो उनके लिए पहला चरण कष्टदायक होता है। इसी तरह सिंह राशि के लिए दूसरा चरण और मिथुन राशि के लिए तीसरा चरण कष्टदायक होता है।

धनु, तुला और मिथुन को मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति: 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि को आंशिक राहत तो मिल गई है। लेकिन 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके कारण 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है।

धनु राशि: अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा तो धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से राहत मिलेगी, लेकिन 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की अर्धशतक से पूर्ण मुक्ति मिलेगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी।

मकर राशि: मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हो गई है। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। शनि पिछले वर्ष से मकर राशि में गोचर कर रहा है। इस राशि के लोगों के लिए शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में इस राशि के लोगों को बेहद सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि शनि के प्रकोप से धन, परिवार से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं। आपको किसी से धोखा मिल सकता है या आपके सारे काम विफल हो सकते हैं। मतलब हो गया, लेकिन पानी लौट सकता है।

कुंभ राशि: कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती 24 जनवरी 2020 से शुरू हो गई है। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, लेकिन कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की महादशा से मुक्ति मिलेगी, जब शनि का गोचर होगा यानि कुंभ राशि में प्रवेश होगा। 23 फरवरी 2028 को शनि के साढ़े साती से छुटकारा पाएंगे।