सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की बड़ी मान्यता है। आमतौर पर घरों में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी कि लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। बता दें कि लड्डू गोपाल को श्रीकृष्ण का बाल रूप माना जाता है और इनकी मूर्ति भी एक छोटे बालक के जैसी होती है। इसलिए धर्म के जानकारों के मुताबिक जिन घरों में लड्डू गोपाल विराजमान होते हैं, उनकी पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है।
जन्माष्टमी के इस विशेष पर्व पर बाल स्वरूप की खास तरीकों से पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है, वहां घर के अन्य सदस्यों की दिनचर्या की तरह लड्डू गोपाल की दिनचर्या का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं क्यों लड्डू गोपाल का बच्चों के समान पालन-पोषण किया जाता है और अगर घर में लड्डू गोपाल हों तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
क्यों किया जाता है लड्डू गोपाल का बच्चों के समान पालन-पोषण ?
अधिकतर लोग लड्डू गोपाल की छोटे बच्चे के जैसे सेवा करते हैं और उनकी पूजा भी करते हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में लड्डू गोपाल को श्रीकृष्ण का बाल रूप माना जाता है। इसलिए लड्डू गोपाल की सेवा ठीक उसी प्रकार की जाती है, जिस प्रकार किसी छोटे बच्चे का पालन-पोषण होता है।
घर में लड्डू गोपाल होने पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- जिन घरों में लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है उन्हें रोजाना लड्डू गोपाल को स्नान कराना चाहिए व रोजाना वस्त्र भी बदलने चाहिए।
- ध्यान रहें घर में बनने वाले हर एक पकवान का भोग पहले लड्डू गोपाल को लगाएं। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भोजन पूर्ण रूप से शाकाहारी हो व भोग लगाने वाले भोजन में प्याज, लहसुन नहीं डालना चाहिए। इसके अलावा आप लड्डू गोपाल को माखन और मिश्री का भोग भी लगा सकते हैं।
- जिस घर में लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है उन्हें एक बच्चे के समान इनकी देखभाल करनी चाहिए साथ ही अगर आप मूर्ति को घर में अकेला छोड़ कर नहीं जाना चाहिए।
- अगर लड्डू गोपाल की मूर्ति खंडित हो जाती है तो पूरी श्रद्धा के साथ मूर्ति का विसर्जन कर देना चाहिए न कि किसी मंदिर या पेड़ के नीचे मूर्ति को रखना चाहिए।
- सबसे अहम बता यह कि आपको पूरे मन और श्रद्धा से लड्डू गोपाल की सेवा करनी चाहिए न कि खानापूर्ति के लिए। इसके साथ ही रोजाना संध्या के समय भोग लगाते समय लड्डू गोपाल की आरती जरूर करें ।