Karwa Chauth Aarti And Mantra: आज सुहागिन महिलाओं का त्योहार है। आज के दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। कार्तिक मास की चतुर्थी को आने वाले इस व्रत में चंद्र दर्शन करके ही व्रत खोला जाता है। चांद का दीदार करने से पहले शुभ मुहूर्त में विधि विधान पूजा की जाती है। पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनी जाती है। और अंत में करवा माता की आरती उतार कर पूजा संपन्न होती है। जानिए करवा चौथ की आरती…

करवा चौथ का चांद जानें कब निकलेगा

करवा चौथ व्रत की कथा

करवा माता की आरती (Karwa Chauth Vrat Aarti)

ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया।

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया।

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।। ऊँ जय करवा मइया।

होए सुहागिन नारी, सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।। ऊँ जय करवा मइया।

करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।। ऊँ जय करवा मइया।

भगवान गणेश की आरती भी पूजा के समय जरूर उतारें।

करवा चौथ पूजन मन्त्र :

“ प्रणम्य शिरसा देवम, गौरी पुत्रम विनायकम।
भक्तावासम स्मरेनित्यम आयु: सौभाग्य वर्धनम ।।

– ऊँ चतुर्थी देव्यै नम:,
ऊँ गौर्ये नम:,
ऊँ शिवायै नम: ।।

– ऊँ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।।’
करवा चौथ</p>

करवा चौथ व्रत की विधि, नियम, महत्व, मुहूर्त जानें यहां 

करवा चौथ व्रत कैसे खोलें? करवा चौथ व्रत हर जगह अलग-अलग तोड़ा जाता है। कई लोग बिल्कुल पारंपरिक तरीके से छलनी में से सबसे पहले चांंद को देखकर और इसके बाद अपने पति को देखते हैं। फिर पति के हाथ से पानी पीकर और कुछ मीठा खाकर व्रत तोड़ते हैं। चंद्र दर्शन से पहले ही करवा चौथ की शुभ मुहूर्त में पूजा कर ली जाती है।