आज महिलाओं को सौभाग्य का वरदान देने वाला व्रत करवा चौथ है। ये व्रत खास तौर पर पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाएं पूरा श्रृंगार करती हैं और फिर शाम के समय एक साथ बैठकर पूजा पाठ करती हैं। इस व्रत में करवा चौथ की कथा सुनना जरूरी होता है। इस दिन भगवान गणेश की भी विशेष रूप से पूजा की जाती है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के समय इस आरती का जरूर करें गान…
Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
गणेश जी की आरती (Ganesh Aarti) :
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
करवा चौथ व्रत पूजन के समय करवा माता की आरती भी जरूर उतारें
– गणेश जी की दूसरी आरती
Sukh Harta Dukh Harta Aarti Lyrics :
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामनांपुरती॥ जय देव…
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥ जय देव…
लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकष्टी पावावें, निर्वाणी रक्षावे,
सुरवरवंदना॥ जय देव…।