Kartik Purnima 2020 Date (कार्तिक पूर्णिमा कब है): हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। विद्वानों का मानना है कि कार्तिक मास परम पावन होता है। इस महीने में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुणा फल मिलने की मान्यता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा हर साल अक्तूबर-नवंबर के महीने में मनाई जाती है।
इस साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima Date 2020) 30 नवंबर, सोमवार के दिन है। इस दिन को देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पुराणों में सभी कार्तिक माह को आध्यात्मिक और शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए उचित माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना की जानी चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि (Kartik Purnima Tithi)
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 29 नवंबर, रविवार – दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 30 नवंबर, सोमवार – दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कार्तिक माह की पूर्णिमा की तिथि के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसके बाद देवी-देवता बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने शंकर जी को त्रिपुरारी नाम दिया जो भगवान शंकर के अनेक पावन नामों में से एक है। पृथ्वी के बोझ को कम कर त्रिपुरासुर का वध होने की खुशी में देवी-देवताओं ने स्वर्गलोक से काशी में उतरकर दीपावली मनाई थीं, तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली (Dev Deepawali 2020 Date) मनाई जाती है।
गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) से दिन बनता है और खास – ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन ही सिख धर्म के पहले गुरु यानी गुरु नानकदेव का जन्म हुआ था। इस वजह से भी हिंदू और सिख धर्म के अनुयायी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पर्व (Guru Parv 2020), प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रूप मनाते हैं। इस अवसर पर गुरुद्वारों में अरदास की जाती है और बहुत बड़े स्तर पर जगह-जगह पर लंगर किया जाता है।

