पुत्र की दीर्घ आयु के लिए रखा जाना वाला जितिया व्रत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। ये तिथि इस बार 22 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस पर्व पर बना भोजपुरी इंडस्ट्री का एक गीत काफी पसंद किया जा रहा है। गाने के बोल हैं ‘जुग जुग जिए मोर बबुआ दुलरुआ’। इस गाने को अपनी आवाज दी है भोजपुरी सिंगर खुशबू उत्तम ने।

जितिया सॉन्ग ‘जुग जुग जिए मोर बबुआ दुलरुआ’ (Jug Jug Jiye Mor Babua Dularua) ‘पावन पर्व जितिया’ एल्बम का है। इस गाने को अपनी आवाज भोजपुरी की मशहूर सिंगर खुशबू उत्तम ने दी है। खुशबू उत्तम के गानों को काफी पसंद किया जाता है। और किसी भी पर्व से संबंधित उनके गाने आपको देखने को जरूर मिल ही जायेंगे। इस गाने के बोल प्रवीन उत्तम के हैं। म्यूजिक चंदन सिंह का है। इस गाने में जितिया के व्रत के महत्व के बारे में बताया गया है। इसमें महिलाएं अपने पुत्र की लम्बी उम्र के लिए पूजा करती हुई दिख रही हैं और गाना गाकर अपनी सखियों से कहती है कि ‘ए हो सखी भूखे जितिया के परबिया’ अर्थात सखियों चलो जीतियाँ के व्रत रखने। भक्त इस भक्ति गाने को बहुत पसंद कर रहे हैं।

जितिया व्रत का महत्व: आपको बता दें कि जितिया व्रत खासतौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश में रखा जाता है। पड़ोसी देश नेपाल में भी इस व्रत को महिलाएं रखती हैं। संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। यानी कि व्रत वाले दिन पानी नहीं पिया जाता है। अगले दिन भोर में उठकर स्नान करके जुतिया माता को धारण कर भीगे चने और पानी से व्रत को खोला जाता है। कहा जाता है जो स्त्री इस व्रत को पूरा कर लेती है। उनके पुत्र के साथ हमेशा मंगल होता है।

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