जितिया व्रत 2019 को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है कि किस दिन व्रत रखा जाये। ये व्रत आश्विन मास की अष्टमी तिथि को रखा जाता है और इसका पारण नवमी तिथि को होता है। इस बार अष्टमी तिथि 21 सितंबर की रात 08 बजकर 21 मिनट से शुरु होकर 22 सितंबर की रात 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जायेगी। मिथिला और विश्वविद्यालय पंचांग दरभंगा से चलनेवाले श्रद्धालु 21 सितंबर को व्रत रखेंगे और बनारस पंचांग से चलने वाले श्रद्धालु 22 सितंबर को व्रत रखेंगे।
जीवित्पुत्रिका व्रत तीन दिनों तक किया जाता है। इसमें पहला दिन नहाय खाय, दूसरा दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन इस व्रत का पारण शामिल हैं। जितिया व्रत अश्विन मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी से शुरू होकर नवमी तक मनाया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान को लंबी उम्र प्राप्त होती है और उसका स्वास्थ्य उत्तम रहता है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस व्रत को खास तौर पर रखा जाता है।
ऐसे हुई जितिया व्रत की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त
जितिया व्रत तिथि (Jitiya Vrat 2019 Dates) :
जितिया व्रत में नहाय खाय, निर्जला व्रत और पारण की तारीख इस प्रकार हैं…
नहाय खाय की तारीख- 21 सितंबर
निर्जला व्रत की तारीख-22 सितंबर
जितिय व्रत पारण की तारीख- 23 सितंबर
जितिया व्रत की तारीख और शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Tithi And Muhurat) :
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2019 को रात 08 बजकर 21 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त: 22 सितंबर 2018 को रात 07 बजकर 50 मिनट तक
जितिया व्रत की विधि (Jitiya Vrat Vidhi) :
जितिया व्रत तीन दिन तक मनाया जाता है। जितिया व्रत में पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है। इस दिन महिलाएं नहाने के बाद एक बार भोजन करती हैं और फिर दिन भर कुछ नहीं खाती हैं। व्रत में दूसरे दिन को खुर जितिया कहा जाता है। इस व्रत का यह मुख्य दिन है जो कि अष्टमी को पड़ता है। इस दिन महिलाएं निर्जला रहती हैं यानी बिना भोजन और जल ग्रहण किये बिना उपवास रखती हैं। और व्रत के तीसरे दिन पारण किया जाता है।
जितिया व्रत की तारीखों को लेकर क्यों बनी उलझन, यहां पढ़ें
22 सितंबर को जिउतिया व्रत क्यों रखा जाये? जीवित्पुत्रिका व्रत अष्टमी तिथि में संपन्न की जाती और इसका पारण नवमी तिथि में करना शास्त्र सम्मत माना जाता है। आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर को अपराह्न 2:39 तक है । उदया तिथि अष्टमी रविवार 22 सितंबर को ही पड़ रही है। इसलिए जीवित्पुत्रिका व्रत 22 सितंबर को रखना उचित रहेगा। इस व्रत के लिए अष्टमी तिथि में सूर्योदय का होना अनिवार्य है और नवमी युक्त उदया तिथि में 23 तारीख को सुबह पारण करना श्रेयस्कर होगा।