यहां पर देवी माता की अनेक सिद्धपीठ हैं। देवी के साधकों के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त स्थान माना है। अल्मोड़ा रानीखेत में माता झूला देवी का मंदिर देसी एवं विदेशी पर्यटकों की अपार आस्था का केंद्र है। यह अल्मोड़ा के रानीखेत से सात किलोमीटर की दूरी पर है।
इस पवित्र मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी बांधकर आस्था प्रकट करते हैं मंदिर के चारों तरफ बंधी हजारों-हजार घंटियाँ इसकी साक्षी है 700 वर्ष पुराना मां दुर्गा का यह अत्यंत प्राचीन मंदिर सिद्धपीठों में से एक है।
रानीखेत के माता झूला देवी के भक्त सतीश जोशी बताते हैं कि यहां के लोग जंगली जानवरों से परेशान थे। ‘‘तेंदुए और बाघ’’ लोगों पर हमला करते थे। इनके आतंक से मुक्ति पाने के लिए लोगों ने देवी मां की कठोर साधना की। मान्यता है कि इस साधना के फलस्वरुप माता दुर्गा ने एक दिन एक भक्त चरवाहे को सपने में दर्शन दिए और कहा कि वह एक विशेष स्थान पर खुदाई करे और देवी उस स्थान पर विराजमान होना चाहती है।
अगले दिन ग्रामीणों के साथ उस चरवाहे ने उसी स्थान पर गड्ढा खोदा और वहां से देवी की मूर्ति निकलीे ग्रामीणों ने उस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण कर देवी की मूर्ति को स्थापित करायो मूर्ति स्थापना के बाद से ही ग्रामीणों को जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति मिल गई। कुछ समय बाद सावन मास में छोटे बच्चों को झूला झूलते देख कर माता ने फिर उस भक्त को सपने में आकर कहा कि वह भी झूला झुलना चाहती हैं।
उनके लिए भी मंदिर में झूला लगाया जाऐ अगले दिन ग्रामीणों ने माता की मूर्ति को मंदिर में झूले पर विराजमान कर दियो इसके बाद माता के इस मंदिर की झूला देवी मंदिर नाम से प्रसिद्धि हो गई। मंदिर परिसर के चारों ओर लटकी हुर्इं अनगिनत घंटियां माता झूला देवी की दिव्य व दुख खत्म करने वाली शक्तियों को दर्शाती हैें मंदिर में विराजित झूला देवी के बारे में यह माना जाता है कि झूला देवी अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं, और भक्त इच्छा पूर्ति के बाद यहां तांबे की घंटी भेटस्वरूप चढाने आते हैें।
मंदिर परिसर के चारों तरफ बंधी लाखों घंटियां इसका प्रमाण हैें 1935 में इस मंदिर को नव रूप देकर मंदिर का नया परिसर निर्माण किया गयो पर्यटकों की अपार आस्था के केंद्र इस मंदिर में वर्ष भर देश विदेश से श्रद्धालु आते रहते हैें नवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हैे झूला देवी के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर सिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। जो श्रद्धालुओं की आस्था की श्रद्धा भक्ति का प्रमुख केंद्र है।