हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना गणेश जी की आरती को किए अधूरी मानी जाती है। पौराणिक कथाओं अनुसार श्री गणेश को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है। इसलिए किसी भी पूजा की शुरुआत से पहले इन्हें जरूर याद किया जाता है। अब चाहे बात जन्माष्टमी की हो इस दिन भी भगवान कृष्ण की आरती से पहले गणपति की आरती का गान करना जरूरी है। इस साल जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कृष्ण की आधी रात को पूजा की जाती है। भगवान के भजन गाये जाते हैं और विधि विधान पूजा कर उनकी आरती की जाती है। लेकिन पूजा में इस गणेश आरती का गान करना न भूलें…
गणेश भगवान की आरती:
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय…
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय…
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…
जन्माष्टमी पर शुभ संयोग: ज्योतिष गणना के अनुसार साल 2019 में भगवान कृष्ण का 5245वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत 2076 चल रहा है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण द्वापर युग के वर्ष 8,60,931 में जन्में थे। भगवान कान्हा के जन्म दिवस को पूरे भारत में आज भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखकर कान्हा के जन्म का इंतजार करते हैं। इस व्रत को कुछ लोग फलाहारी तो बहुत से भक्त निर्जला रखते हैं जिसमें मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद ही जल और फल ग्रहण किया जाता है। मध्यरात्रि में कान्हा की पूजा की जाती है।