Dev Uthani Ekadashi 2019 Puja Vidhi: देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने शयन के बाद जगते है। दरअसल मान्यता है कि आषाढ़ मास की एकादशी (शुक्ल पक्ष) को श्रीहरि चार महीने शयन के लिए जाते हैं और वह जब निद्रा से जागते हैं तो उसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी और प्रबिधिनी एकादशी के तौर पर मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र में भी भगवान विष्णु (नारायण) की पूजा का महत्व बताया गया है। जिसके अनुसार नारायण की पूजा भौतिक सुख-सुविधा, धन-वैभव की प्राप्ति, अच्छी सेहत और लंबी आयु की कामना के लिए की जाता है। आमतौर पर लोग इन सभी सुख के साधनों को पाने के लिए लक्ष्मी की पूजा करते हैं, परंतु कहते हैं कि घर में लक्ष्मी का आगमन बिना नारायण का नहीं होता है। इसलिए पंडित देव उठनी एकादशी के बारे में यह सलाह देते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
धन वैभव को बढ़ाने के लिए उपाय
शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को संध्या काल में स्नान करें। स्नान के बाद एक लकड़ी के तख्ते पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी-विष्णु की फोटो अथवा मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद पूजा स्थान पर गाय के घी का दीया जलाएं। फिर खुद किसी साफ लाल रंग के आसन पर बैठकर “ॐ दारिद्रध्वंसनी नमः” का तीन माला जाप स्फटिक की माला से करें। पूजन के समय आपका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए। जाप सम्पन्न होने के बाद भगवान लक्ष्मी-विष्णु को गुलाब का इत्र जरूर अर्पित करना चाहिए।
लक्ष्मी-विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ग्रहों की पूजा
ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा और शुक्र को स्त्री ग्रह माना गया है। इनका पूजन करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसे प्रसन्न करने के लिए घर की रसोई दक्षिण-पूर्व भाग में बनवाना चाहिए। साथ ही घर में काले और नीले रंग का प्रयोग करने से बचना चाहिए। घर की महिलाओं को चाहिए कि घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक दीया जलाएं।
ये गलतियां करने से बचें
घर की महिलाओं का हमेशा सम्मान करें। क्योंकि कहा जाता है कि घर में लक्ष्मी स्वरूप महिलाएं ही होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से घर की महिलाओं का सम्मान नहीं करने से शुक्र और चंद्रमा ग्रह का कुप्रभाव पड़ता है। इसके अलावा यदि रोजाना देर रात तक जागते हैं और देर से उठते हैं तो ऐसे में शनि देव चंद्रमा के कुप्रभाव के कारण घर में धीरे-धीरे दरिद्रता का वास होने लगता है।

