Shani Jayanti 2021: शनि की महादशा सबसे कष्टदायी मानी जाती है। कहते हैं कि जिसकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में विराजमान होते हैं उन्हें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कार्यों के बिगड़ने के ज्यादा आसार रहते हैं। वर्तमान में मकर, धनु और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती तो मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। बता दें कि 10 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। मान्यताओं अनुसार इस दिन कुछ खास उपायों को करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है। जानिए वो क्या उपाय हैं…

-शनि जयंती के दिन सबसे पहले तो सुबह स्नान कर शनि देव की पूजा अर्चना करें। शनि चालीसा पढ़ें और शनि के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इस दिन शनि देव की विशेष पूजा अर्चना से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

-इस दिन एक कटोरी लेकर उसमें सरसों का या तिल का तेल डालें और फिर उसमें अपना चेहरा देखकर कटोरी को तेल समेत शनि मंदिर में दान कर आएं या फिर शनि दान लेने वालों को दें। ऐसा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलने की मान्यता है। यह भी पढ़ें- शनि का अंक होता है ये, धीरे-धीरे लेकिन सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचते हैं इस मूलांक वाले लोग

-शनि जयंती पर भगवान शंकर और हनुमान जी की भी पूजा करें। ऐसा कहा जाता है कि शनि देव भगवान शिव और बजरंगबली के भक्तों को नहीं सताते हैं। इसलिए शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए इनकी पूजा भी फलदायी मानी जाती है। हनुमान चालीसा और शिव चालीसा करना भी इस दिन शुभ माना गया है।

-शनि जयंती पर ‘शनि मंत्रों ॐ शं शनैश्चराय नम:। ॐ निलांजन समाभासम रविपुत्रम यमाग्रजंम। छायामार्तंड संभूतम तमः नमामि शनेश्चरम।’ मंत्र का जाप करने से भी लाभ मिलने की मान्यता है। यह भी पढ़ें- हर चीज में नंबर 1 रहना चाहते हैं इन 4 राशि के लोग, हार नहीं कर पाते बर्दाश्त

-शनि जयंती पर व्रत रखने से भी शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलने की मान्यता है। व्रत करने वाले लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद शनि की पूजा करें और व्रत रखने का संकल्प लें। ये व्रत फलाहार करके रखा जाता है। लेकिन अगर फलाहार करके व्रत करना संभव न हो तो आप खाने में सेंधा नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

-शनि जयंती के पावन अवसर पर रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना भी फलदायी माना गया है। कहते हैं कि इससे कुंडली में शनि ग्रह से संबंधित आ रही समस्याओं से राहत मिलती है।