हरतालिका तीज का व्रत भादो मास (भाद्रपद) शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से शादीशुदा महिलाएं, कुंवारी कन्याएं करती हैं। पति की लंबी उम्र के लिए, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए और घर में सुख-समृद्धि के वास के लिए यह व्रत किया जाता है। अविवाहित लड़कियां इस व्रत को मनचाहा वार पाने के उद्देश्य से करती हैं। साल 2019 में हरतालिका तीज दो दिन पड़ रहा है। दरअसल 01 सितंबर को तृतीया तिथि की मौजूदगी के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
पारण का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के मुताबिक 01 सितंबर को सुबह 08 बजकर 27 मिनट के बाद तृतीया तिथि शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानि 02 सितंबर को सुबह 08 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 01 सितंबर को हरतालिका तीज व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए पारण का शुभ मुहूर्त 02 सितंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 07 बजकर 36 मिनट तक है। ये चौघड़िया मुहूर्त के हिसाब से अमृत काल है इस दौरान आप हरतालिका व्रत सम्पन्न कर सकते हैं और पारण कर सकते हैं। इसके अलावा जो महिलाएं 02 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी वे 03 सितंबर को सूर्योदय के तीन घंटे के बाद व्रत का पारण कर सकती हैं।
Hartalika Teej 2019: Vrat Katha, Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Aarti, Vrat Vidhi
हरतालिका व्रत उद्यापन विधि: शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इस व्रत को शुरू कर के बाद कम से कम 13 सालों तक रखने बाद ही इसका उद्यापन करना चाहिए। यदि आप इस व्रत को छोड़ना चाहती हैं तो इसे किसी और को सौंप सकती हैं या विधिवत पूजा कर इसका उद्यापन कर सकती हैं। इस व्रत का उद्यापन हरतालिका तीज के दिन ही करना होता है। व्रत का उद्यापन किसी योग्य पंडित के द्वारा करवाया जा सकता है।
अगर खुद से इस व्रत का उद्यापन करना चाहती हैं तो इसके लिए कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होगी। व्रत उद्यापन के लिए पूजन सामग्री में पांच सफेद कपड़े, सुहाग की सामग्री, फल, फूल, मिठाई, पंचामृत, जूते, सोने या चांदी की कोई वस्तु, अक्षत (अरवा चावल), पान सुपारी, गुलाल आदि। पूजा करने के बाद इन सामग्रियों को किसी ब्राह्मण दंपत्ति को दान कर दें और उन्हें भोजन कराएं। इस तरह से आप हरतालिका व्रत का उद्यापन कर सकती हैं।

