तीज का त्योहार उत्तर भारतीय महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। सावन में आने वाली तीज को श्रावणी तीज और हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। ये पर्व नाग पंचमी से दो दिन पहले श्रावण शुक्ल तृतीया को आता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस पर्व को सुहागिन महिलाएं नए वस्त्र मुख्य रूप से हरी साड़ी पहनकर सजधज कर तीज के गीत गाते हुए हर्षोल्लास के साथ मनाती हैं। जानिए हरियाली तीज की पूजा विधि, व्रत कथा, मुहूर्त और सभी जानकारी यहां…

पूजा विधि: इस दिन निर्जला व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। व्रत वाले दिन व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। फिर पूजा स्थान में जाकर व्रत करने का संकल्प लें और ‘उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद साफ मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति बना लें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो आप समस्त शिव परिवार की मूर्ति पूजा घर में रख सकते हैं। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें। फिर महादेव और माता पार्वती की अराधना करें। पूजा के समय पार्वती जी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें और शिव को वस्त्र चढ़ाएं। इसके बाद महिलाएं तीज व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। अंत में भगवान गणेश, माता पार्वती और शिव जी की आरती करें। उन्हें नैवेद्य अर्पित करें और फिर घर के बने स्वादिष्ट पकवानों का भोग लगाएं। फिर उसी प्रसाद को खुद ग्रहण करें और दूसरों में बाटें। संध्या काल में एक समय सात्विक भोजन करते हुए, तीज का व्रत खोलें।

हरियाली तीज मुहूर्त: तृतीया तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को शाम 07:21 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 23 जुलाई को 05:02 बजे पर होगी। हरियाली तीज का पर्व 23 जुलाई को है इसलिए इस दिन सुबह और शाम में किसी भी समय पूजा की जा सकती है।

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Highlights

    18:10 (IST)23 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020: पूजा विधि...

    सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मन में पूजा करने का संकल्प लें। उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये मंत्र का जाप करें। पूजा शुरू करने से पूर्व काली मिट्टी से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजाकर माता पार्वती को अर्पण करें। ऐसा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। उसके बाद तीज की कथा सुनें या पढ़ें

    17:30 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज पूजा मंत्र

    देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

    पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व।

    कामांश्च देहि मे।।

    रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

    17:04 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त

    हरियाली तीज का मुहूर्त
    तृतीया तिथि – 23 जुलाई, गुरुवार
    तृतीया तिथि प्रारंभ – 19:21 बजे, 22 जुलाई बुधवार
    तृतीया तिथि समाप्त – 17:02 बजे, 23 जुलाई गुरुवार

    16:32 (IST)23 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020: कैसे मनाते हैं हरियाली तीज

    हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। यह पर्व करवा चौथ के बराबर होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन भोजन और जल ग्रहण नहीं किए बिना दूसरे दिन स्नान-पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत को करने पर सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अच्छे वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी हरियाली तीज का व्रत कर सकती हैं।

    16:03 (IST)23 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020 Date: इस दिन हुआ था शिव पार्वती का मिलन

    शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए सुहागन स्त्रियों के लिए इस व्रत की बड़ी महिमा है। इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

    15:08 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज के बाद मनाई जाएगी कजरी तीज...

    कजरी तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाई जाती है। जिसे कजली तीज, सातूड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को भी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद पाने के लिए रखती हैं। पौराणिक मान्यता है कि मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था। एक बार वहां के राजा की असमय मृत्यु हो गई और इसके वियोग में रानी ने खुद को सती कर लिया। इस घटना से वहां के लोग इतने दुखी हो गए, लेकिन राजा-रानी के प्रेम से इतना प्रभावित हुए कि वे लोग कजली गीत गाने लगे थे। ये गीत पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक होता था। कजरी तीज मनाने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। इस दिन शाम को व्रत तोड़ने से पहले महिलाएं सात रोटियों पर चना और गुड़ रखकर पहले गाय को खिलाती हैं। ये तीज 6 अगस्त को मनाई जाएगी।

    14:32 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज पूजा के समय इस मंत्र का जरूर करें जाप...

    हर‍ियाली तीज के द‍िन पार्वती सौभाग्‍य मंत्र ‘हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।’ का जप क‍िया जाता है। मान्‍यता है क‍ि यदि सुहाग‍िनें इस मंत्र का जप करें तो उनका सुहाग अखंड रखता है।

    14:06 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज पूजा मंत्र:

    देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
    पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व। कामांश्च देहि मे।।
    रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

    13:32 (IST)23 Jul 2020
    पूजा से पहले ये काम जरूर करें...

    आज हरियाली तीज है. पूजा शुरू करने से पहले ये समाग्री थाली में सजा लें. इसके बाद पार्वती जी को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. फिर शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं. अंत में गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें. फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.

    13:05 (IST)23 Jul 2020
    नविवाहितों के लिए खास है ये पर्व:

    हरियाली तीज से एक दिन पहले यानी द्वितीया को श्रृंगार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे सिंजारा भी कहते हैं और इसी दिन हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। तृतीया के दिन यानी तीज के दिन महिलाओं के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल को भेजा जाता है। नवविवाहिताओं के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है।

    12:26 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज पर हरे रंग का ये है महत्व...

    सावन का महीना खुद को प्रकृति से जोड़ने का महीना होता है। इसलिए लोग हरा रंग पहन कर अपने आप को प्रकृति से जोड़ते हैं। सावन का दूसरा नाम ही हरियाली है। महिलाएं पूरे सावन भर हरी चूड़ियों के साथ हरे कपड़े भी पहनती हैं। हरा रंग सौभाग्य का रंग माना जाता है। सुहागिन महिलाएं हरी चूड़ियां पहनकर भोलेनाथ को प्रसन्न करती हैं और अपने सुहाग और परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

    12:06 (IST)23 Jul 2020
    महादेव को पति स्वरूप में पाने के लिए व्रत (Hariyali Teej Vrat 2020):

    शिव पुराण में बताया गया है कि मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां पर्वती को महादेव की पत्नी बनने के लिए 108 जन्म लेने पड़े। शक्ति ने 107 जन्मों तक कठोर तपस्या की। 108वें जन्म में माता ने अपने तप से भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया, जिसके परिणाम स्वरूप महादेव ने शक्ति को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार कर लिया।

    11:17 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej Shubh Muhurat):

    हरियाली तीज के दिन आस-पास की महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर शिव पार्वती की पूजा करती हैं। व्रत कथा सुनती हैं। शाम के समय इस व्रत का पूजन किया जाता है।

    हरियाली तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त
    हरियाली तीज की तिथि: 23 जुलाई 2020
    हरियाली तीज की तिथि आरंभ: 22 जुलाई 2020 की शाम 07 बजकर 21 मिनट से.
    हरियाली तीज की तिथि समाप्‍त: 23 जुलाई 2020 की शाम 05 बजकर 02 मिनट तक.

    10:56 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज की ये है शानदार रेसिपी...

    मालपुआ सिर्फ तीज ही नहीं ऐसे कई और त्योहारों पर भी मुंह का जायका बढ़ाने के लिए बनाया जाता है। इसे बनाना भी मुश्किल नहीं। आटे या मैदे किसी से भी इसे तैयार किया जा सकता है। बस इसमें मिलाएं चीनी, सौंफ और दूध और डीप फ्राई कर लें फिर चाशनी में डालें। ऊपर से ड्रायफ्रूट्स से सजाकर सर्व करें।

    10:37 (IST)23 Jul 2020
    Happy Hariyali Teej 2020: हरियाली तीज इसलिए मानी जाती है खास...

    नवविवाहित लड़कियों के लिए विवाह के बाद पड़ने वाले पहले सावन के त्यौहार का विशेष महत्व होता है. ज्यादातर जगहों पर हरियाली तीज के मौके पर लड़कियों को ससुराल से मायके बुला लिया जाता है। इस दिन महिलाएं श्रृंगार और नए वस्त्र पहनकर मां पार्वती की पूजा करती हैं। अच्छे वर की मनोकामना के लिए इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं।

    09:55 (IST)23 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020: सुहागिन ही नहीं अविवाहित स्त्रियों के लिए भी खास होता है यह पर्व...

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि हरियाली तीज के दिन सावन में भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इसका वर्णन शिवपुराण में भी मिलता है. इसलिए इस दिन सुहागिन महिलाएं मां पार्वती और शिवजी की आराधना करती हैं, जिससे उनका दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहे. उत्तर भारत के राज्यों में तीज का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनायी जाती है. अच्छे वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस दिन व्रत कर सकती हैं.

    09:26 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज व्रत विधि (Hariyali Teej Vrat Vidhi):

    इस दिन साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजायें. मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं और इसे चौकी पर स्थापित करें. मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें. हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है. इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी विधि-विधान से मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं.

    09:09 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने के लिए पीछे ये है कहानी...

    हर‍ियाली तीज पर मेंहदी लगाने की परंपरा पर एक कहानी म‍िलती है। जिसके अनुसार एक बार देवी पार्वती अपने पति भगवान शिव को आकर्षित करना चाहती थीं। ऐसा करने के लिए उन्‍होंने अपने हाथों में मेंहदी रचाई। उन्‍होंने अपने हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाई। ऐसा कहा जाता है कि देवी पार्वती की हथेली में रची मेंहदी के रंग और खुशबू पर भोले रीझ भी गए। मान्‍यता है क‍ि इसल‍िए महिलाएं भी मेंहदी रचाती हैं ताकि उन्‍हें भी अपने पति का वैसा ही अमिट प्रेम म‍िले।

    08:48 (IST)23 Jul 2020
    वृंदावन की तीज...

    सावन मास में बृज के झूले बहुत प्रसिद्ध हैं। श्री वल्लभ सम्प्रदाय में ठाकुरजी पूरे सावन मास झूला झूलते हैं। अन्य मंदिरों में सावन शुक्ल तृतीया-हरियाली तीज से रक्षाबंधन-पूर्णिमा तक हिंडोले सजाए जाते हैं। वृंदावन में श्री बांके बिहारी तीज की रात को ही सोने-चांदी के गंगा-जमुनी विशाल हिंडोले में झुलाए जाते हैं। मथुरा में द्वारकाधीश की घटाएं सुप्रसिद्ध हैं। किसी दिन गुलाबी, हरी तो किसी दिन काली घटा। जैसी घटा होती है सारे पर्दे, हिंडोले, ठाकुरजी के वस्त्रालंकार सभी उसी रंग के होते हैं। इनमें काली घटा की प्रसिद्धि बहुत अधिक है।

    08:09 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज को क्यों कहा जाता है कजली तीज, जानिए...

    राजस्थान में तीज पर्व ऋतु उत्सव के रूप में मनाया जाता है। सावन में हरियाली और मेघ घटाओं को देखकर लोग यह पर्व मिलजुलकर मनाते हैं। आसमान में काली घटाओं के कारण इस पर्व को कजली तीज और हरियाली के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं। इस तीज-त्योहार पर राजस्थान में झूले लगते हैं और नदियों के तटों पर मेलों का आयोजन होता है। इस त्योहार के आस-पास खेतों में खरीफ फसलों की बुआई भी शुरू हो जाती है। मोठ, बाजरा, फली आदि की बुआई के लिए कृषक तीज पर्व पर बारिश की कामना करते हैं।

    07:57 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat 2020):

    इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। और विधि-विधान से माता पार्वती और शिव जी की पूजा करती हैं। और कथा सुनती हैं। कथा समापन के बाद महिलाएं मां गौरी से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक गीत गाए जाते हैं। यह व्रत करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन होता है। महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन और जल के ग्रहण किए रहती हैं, और दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं।

    07:38 (IST)23 Jul 2020
    कैसे मनाई जाती है हरियाली तीज?

    इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन सुबह स्नान और पूजा करने के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती है। हरियाली तीज में माता पार्वती और शिव जी की पूजा की जाती है। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती हैं। महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। विधि विधान पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनती हैं। इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने का भी रिवाज है।

    07:19 (IST)23 Jul 2020
    कैसे मनाया जाता है ये त्योहार? (How To Celebrate Hariyali Teej):

    हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग का प्रयोग प्रमुखता से करती हैं। इस दिन मायके से बेटी के लिए साड़ी, श्रृंगार सामग्री, फल इत्यादि आते हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। शाम के समय महिलाएं श्रृंगार कर व्रत कथा सुनती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस व्रत में सोना नहीं चाहिए। माता पार्वती के गाने और कहानियां सुननी चाहिए। हरियाली तीज भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। अच्छे वर की मनोकामना के लिए इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं।

    06:19 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता

    हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दिन महिलाएं साथ में मिलकर जागरण और कीर्तन भी करती हैं। पूजा कार्य के दौरान सभी महिलाओं में से एक महिला कथा सुनाए, अन्य सभी महिलाएं कथा को ध्यान से सुनें व मन में पति का ध्यान करें और पति की लंबी आयु की कामना करें। 

    05:39 (IST)23 Jul 2020
    शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है हरियाली तीज

    सुहागन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्व है। आस्था, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चारों तरफ हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, गाती हैं और खुशियां मनाती हैं।

    04:04 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व है

    हरियाली तीज पर भगवान शिव और पार्वती जी के लिए व्रत किया जाता है। भारत के उत्तरी इलाकों में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये व्रत शादीशुदा महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याओं के द्वारा भी रखा जाता है। हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सावन मास के गीत गाती हैं।

    02:31 (IST)23 Jul 2020
    हरियाली तीज व्रत पूजा विधि

    सुबह उठ कर स्‍नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मन में पूजा करने का संकल्प लें। और 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें।पूजा शुरू करने से पूर्व काली मिट्टी से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पण करें। ऐसा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। उसके बाद तीज की कथा सुने या पढ़ें।

    01:37 (IST)23 Jul 2020
    करवा चौथ से भी कठिन माना जाता है ये व्रत

    इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन व्रत बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं।

    00:05 (IST)23 Jul 2020
    मारवाड़ में इसे ठकुराइन जयंती भी कहा जाता है...

    हरियाली तीज का त्योहार राजस्थान के मारवाड़ से शुरू हुआ था। यह व्रत देश के पश्चिमी प्रांतों में खासा प्रचलित है। इस खास दिन मारवाड़ी समाज की महिलाएं यह व्रत रखती हैं। मारवाड़ में इसे ठकुराइन जयंती भी कहा जाता है...

    23:09 (IST)22 Jul 2020
    इस राशि के लोग गुलाब के पुष्प अर्पित करें

    वृष राशि वाली तीज के दिन शिव और पार्वती को प्रसन्न करने के लिए गुलाब का पुष्प चढ़ाएं। फूल चढ़ाने के बाद उनको सुगंध अर्पित करें। ऐसा करने से वृष राशि के लोगों से भगवान शिव प्रसन्न होंगे।

    22:26 (IST)22 Jul 2020
    मायके से आए कपड़े पहनने चाहिए

    शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए कपड़े पहनने चाहिए और साथ ही श्रृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए।

    21:42 (IST)22 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020: माता पार्वती और भगवान शिव की करें पूजा

    मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह माना जाता है। मिथुन राशि की महिलाएं अधिक बुद्धिमान होती है। इस राशि की महिलाएं अगर हरियाली तीज पर हरे रंग के वस्त्र धारण करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं तो इन्हें मां पार्वती और भगवान शिव का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होगा।

    20:52 (IST)22 Jul 2020
    साफ-सफाई का है विशेष महत्व

    Hariyali Teej 2020: इस दिन साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजाएं। इसके बाद मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं और इसे चौकी पर स्थापित करें। मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।

    20:33 (IST)22 Jul 2020
    Hariyali Teej 2020: लाल वस्त्र पहनकर करें पूजा

    मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। मेष राशि की महिलाएं कर्मठ और अधिक ऊर्जा वाली होती हैं। इसलिए इस राशि वाली महिलाओं को हरियाली तीज के दिन लाल के वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। लाल के अलावा इनके लिए गोल्डन कलर भी शुभ है।

    19:54 (IST)22 Jul 2020
    सुहागन महिलाएं करें ये उपाय

    Hariyali Teej 2020: सभी महिलाओं मन में पति का ध्यान करें और पति की लंबी आयु की कामना करें। इस दिन सुहागन महिलाएं अपनी सास के पांव छूकर उन्हें सुहाग सामग्री देती हैं। सास न हो तो जेठानी या घर की बुजुर्ग महिला को देती हैं।

    19:09 (IST)22 Jul 2020
    Hariyali Teej से जुड़ी पौराणिक मान्यता

    इस तीज पर्व पर माता पार्वती की अवतार तीज माता की उपासना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ही श्रावण महीने की तृतीया तिथि को देवी के रूप में (तीज माता के नाम से) अवतरित हुई थीं।

    18:36 (IST)22 Jul 2020
    ठाकुरजी को लगाएं भोग

    तीज से एक दिन पहले बहनों और बहुओं को सिंघारा दिया जाता है। इसमें वस्त्र, सौभाग्य सामग्री, घेवर, फेनी, फल आदि झूल-पटरी शामिल होता है। हरियाली तीज को ठाकुरजी को भी मालपुओं का भोग निवेदित किया जाता है।

    18:04 (IST)22 Jul 2020
    निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव को करें प्रसन्न

    इस दिन निर्जला व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। व्रत वाले दिन व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। फिर पूजा स्थान में जाकर व्रत करने का संकल्प लें और 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें।

    17:08 (IST)22 Jul 2020
    कैसे मनाई जाती है हरियाली तीज?

    इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन सुबह स्नान और पूजा करने के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती है। हरियाली तीज में माता पार्वती और शिव जी की पूजा की जाती है। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती हैं। महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। विधि विधान पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनती हैं। इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने का भी रिवाज है।

    16:34 (IST)22 Jul 2020
    हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज में क्या है अंतर?

    तीज सुहागिनों का एक प्रमुख त्योहार है। जो साल में तीन बार आता है। हरियाली तीज (Hariyali Teej), कजरी तीज (Kajri Teej) और हरतालिका तीज (Hartalika Teej)। तीज में निर्जला व्रत रख भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। ये तीनों ही तीज पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना से मनाई जाती हैं। इन तीज व्रत में जहां बहुत सी समानताएं हैं तो वहीं कुछ अंतर भी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें