Guru Purnima 2021 Date in India: हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन सनातन धर्म के पहले गुरु महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मान्यता है कि महर्षि वेदव्यास ने ही वेदों का ज्ञान दिया था। इसी कारण सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को आदि गुरु का दर्जा प्राप्त है। गुरु पूर्णिमा का पर्व इस बार 24 जुलाई को मनाया जाएगा।

गुरु पूर्णिमा का महत्व: गुरु पूर्णिमा के दिन सभी गुरुओं के साथ-साथ भगवान विष्णु और भगवान बृहस्पति की भी पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 45 मिनट से हो जाएगी और 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। महर्षि वेदव्यास श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा के अलावा 18 पुराणों के रचियाता माने जाते हैं। इसी तिथि पर व्यासजी ने सबसे पहले अपने शिष्यों और मुनियों को शास्त्रों का ज्ञान भी दिया था।

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक साफ-सुथरी जगह पर एक सफेद कपड़ा बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें। फिर गुरु व्यास की मूर्ति उस पर स्थापित करें और उन्हें रोली, चंदन, फूल, फल और प्रसाद अर्पित करें। ‘गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये’ मंत्र का जाप करें। सूर्य मंत्र का जाप करें। फिर अपने गुरु का ध्यान करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी जरूर करें। आटे की पंजीरी बनाकर इसका भोग लगाएं।

गुरु पूर्णिमा के उपाय: संभव हो तो इस दिन लक्ष्मी- नारायण मंदिर में कटा हुआ गोल नारियल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से बिगड़े कार्य बनने की मान्यता है। कुंडली में गुरु दोष है तो भगवान विष्णु की श्रद्धापूर्वक पूजा करें। इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर दें। आर्थिक समस्या चल रही है तो आप इस दिन जरूरतमंद लोगों को पीली मिठाई, पीले वस्त्र आदि दान में दें। इस दिन अपने से बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद जरूर लें।