Happy Guru Nanak Jayanti 2019 (Gurpurab) Wishes, Images, Greetings, whatsapp stickers: सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की 550वीं जयंती 12 नवंबर को है। हिन्दी पंचांग में बताया गया है कि गुरुनानक देव जी का जन्म संवत् 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। जबकि इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार गुरुनानक का जन्म 1469 में हुआ था। सिख इस दिन को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं। गुरुनानक ने सुखी और सफल जीवन के लिए कुछ सूत्र बताए थे। गुरुनानक ने किरत करो, नाम जपो, वंड छको का संदेश दिया। हमें नाम जपना, मेहनत करनी चाहिए और बांटकर खाना चाहिए।
प्रकाश पर्व या प्रकाशोत्सव के तौर पर मनाए जाने वाले इस पर्व में जहां पंज प्यारे और सेवादार शहरभर में शानदार जुलूस निकालते हैं, वहीं मोबाइल युग की जनता गुरु पर्व की बधाइयां व्हाट्सएप, मैसेज और स्टेटस के जरिए दोस्तों और जानने वालों को शेयर कर रही है। आजकल सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा व्हाट्सएप स्टीकर। इसके अलावा विशेज, कोट्स और मैसेज के जरिए लोग गुरुवाणी, गुरु ग्रंथ साहेब की खास पंक्तियां और गुरुनानक के उपदेश भी शेयर कर रहे हैं।
>> इंसान कभी भी इस भ्रम में न रहें चाहिए कि वह गुरु आशीष और मार्गदर्शन के बिना भवसागर को पार कर जाएगा।
>> सदैव वही शब्द बोलें जिनसे हमें दूसरों के माध्यम से सम्मान मिले। अपमानित करने वाले शब्दों का चुनाव नहीं करना।
>> परेशानियों से भरे इस जीवन में जिस व्यक्ति को खुद पर विश्वास है, वही विजेता कहलाता है।
खालसा मेरा रुप है खास,
खालसे में ही करु निवास,
खालसा अकाल पुरख की फौज,
खालसा मेरा मित्र कहाए।।
गुरु नानक जयंती की हार्दिक बधाइयां
सतगुरु सब दे काज संवारे
आप सब को प्रथम सिख गुरु
नानक देव जी के जनम दिवस की
हार्दिक बधाइयां
इक ओंकार मंत्र से नानक ने दिया ये संदेश
अपने इस मंत्र से गुरु नानक ने लोगों को ईश्वर के एक होने का संदेश दिया। उनका कहना था कि ईश्वर सब जगह मौजूद है। वह हमारा पिता है इसलिए सबको प्रेम के साथ रहना चाहिए।
- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं।
- सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
- मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।
- सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
- न कोई हिंदू है, न मुसलमान है, सभी मनुष्य हैं, सभी समान हैं।
- हमेशा एक ईश्वर की उपासना करो।
- प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।
- ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ।
- धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमें ईश्वर का प्रेम भरा हो।
- उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है। - श्री गुरु नानक देव
- वह जिसे खुद में भरोसा नहीं है उसे कभी ईश्वर में भरोसा नहीं हो सकता।
- केवल वो बोलो जो तुम्हारे लिए सम्मान लेकर आये।
अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता अतः अहंकार कभी नहीं करना चाहिए | विनम्र हो सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए | गुरु नानक देव सिखों के पहले गुरु हैं। जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया। इनकी जयंती के दिन इनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को आज भी याद किया जाता है।
मन मूरख अजहूं नहिं समुझत,
सिख दै हारयो नीत।
नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥
गुरु नानक जयंती की हार्दिक बधाइयां
हर मौत को बुरा नहीं कहते,
यदि दम वास्तव में जानते।
कि मरा कैसे जाता है,
सिख गुरु गुरु नानक जी।
हो लाख-लाख बधाई आपको
गुरु नानक का आशीर्वाद मिले आपको
ख़ुशी का जीवन से रिश्ता हो ऐसा
दीये का बाती संग रिश्ता जैसा
हैप्पी गुरु नानक जयंती
वाहेगुरु का आशीष सदा,
मिले ऐसी कमाना है हमारी,
गुरु की कृपा से आएगी,
घर घर में ख़ुशहाली
वाहे गुरु का आशीष सदा मिले,
ऐसी कामना है हमारी,
गुरु की कृपा से आएगी घर घर में ख़ुशहाली।।
गुरु नानक जयंती की हार्दिक बधाइयां
दस गुरा दी किरपा सदका असि हां सिख बने,
झुके कदे न जालिम आगे सीने रेहन तने,
गऊ गरीब दी रखियां करिये वैरी दा विनाश,
गुरु नानक दे दास असि है गुरु नानक दे दास,
श्री गुरु ग्रंथ साहिब नु मनिये सदा ही शीश झुकाइये,
सब धर्म आदर करिये सब नु एह समझाइये,
गुरुवाणी करलो सिमरन करलो सास गिरा,
गुरु नानक दे दास असि है गुरु नानक दे दास,
Happy Guru Nanak Dev 550th Jayanti (Prakash Purab)
एक ओंकार सतिनाम, करता पुरखु निरभऊ।
निरबैर, अकाल मूरति, अजूनी, सैभं गुर प्रसादि।।
सालाही सालाही एती सुरति न पाइया।
नदिआ अते वाह पवही समुंदि न जाणी अहि।।
जो इंसान पैसे को प्रधानता देता है, वह जीवन में हमेशा नुकसान में रहता है। वहीं जो लोग दूसरों के साथ प्रेम को प्रमुखता से स्थान देते हैं, यकीन मानिए ये वे लोग हैं, जिन्होंने भगवान को ढूंढ लिया है।
Happy Guru nanak prakash parv : जो व्यक्ति खुद पर भरोसा नहीं करता है, वह कभी भी परमात्मा पर भी विश्वास नहीं कर सकता।
भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं। परमात्मा सभी का निर्माण करता है और वही खुद मनुष्य का रूप लेता है।