Ganesh Visarjan 2022 in Maharashtra: हिंदू धर्म में गणेश को एक आराध्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ अनुष्ठान या आयोजन से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भक्त 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा करते हैं और 11 वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी को विसर्जित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का उचित विसर्जन पूरे वर्ष घर में समृद्धि लाता है। आइए जानते हैं गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त और सही विधि-
गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2022 Shubh Muhurat)
सुबह का मुहूर्त – शुक्रवार की सुबह 06:03 से 10:44 तक
शाम का समय – शाम 5 बजे से शाम 6:34 बजे तक
दिन का समय – दोपहर 12:18 से 01:52
रात का समय – शनिवार की रात 09:26 से 10:52 तक
मध्य रात्री का समय – शनिवार दोपहर 12:18 बजे से 10 सितंबर सुबह 04:47 बजे तक
विसर्जन से पहले गणेश जी करें आरती
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी को विसर्जित करने का विधान है। विसर्जन से पहले बप्पा की आरती करनी चाहिए और किसी भी गलती या चूक के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही गणपति बप्पा से निवेदन करना चाहिए कि अगले वर्ष भी आपकी सेवा करने का अवसर मिले। इसके बाद चरणों की पूजा करते हुए सम्मान के साथ नदी में प्रवाहित करें।
गणेश जी की प्रतिमा ले जाते समय इन बातों का रखें ध्यान
गणेश विसर्जन से पहले इस बात का ध्यान रखें कि जिस लकड़ी की पट्टी पर गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए रखा जाएगा, उसे पहले गंगाजल से पूरी तरह साफ कर लें और फिर स्वास्तिक बनाकर प्रणाम करें। इसके बाद लकड़ी के डंडे पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति को रखें।
इस प्रकार के कपड़ों को पहनने से बचें
जब आप अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन नीले या काले रंग के वस्त्र न पहनें। वहीं अगर आप इसे पहन रहे हैं तो विसर्जन में शामिल न हों। रिद्धि सिद्धि स्वामी विघ्नहर्ता भगवान गणेश शुभ लाभ के देवता हैं और पुराणों में काले और नीले रंग के कपड़े पहनना विसर्जन के लिए वर्जित बताया गया है।
विसर्जन में इन चीजों को न करें शामिल
नदी या तट पर विसर्जन से पहले भगवान गणेश की पूजा के समय तुलसी की दाल और बेल पत्र न लें। भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए दूर्वा की 21 गांठें चढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही गणेश विसर्जन से पहले भोज पत्र के ऊपर स्वस्तिक बनाएं और गणेश मंत्र के साथ मनोकामनाएं और समस्याएं लिखें। इसके बाद भोजपत्र के चारों ओर गणेश बीज मंत्र लिखें और फिर इसे गणेश जी की मूर्ति से रक्षा सूत्र में बांधकर विसर्जित कर दें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
