Ganesh Visarjan (Ganpati Visarjan) 2019 Updates: मुंबई के प्यारे लाल बाग चा राजा गणपति का पूरी आस्था और भव्य झांकी के साथ विदाई दी गई। उन्हें अनंत चतुर्दशी के दिन मुंबई के गिरगॉव चौपाटी बीच पर अरब सागर में विसर्जित कर दिया गया। इस दौरान सिर्फ एक ही आवाज गूंज रही थी, गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ। आपको बता दें कि इस साल हुए 11 दिन कार्यक्रम में कुल 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बप्पा के दर्शन को आए। इस दौरान बॉलीवुड और उद्योग जगत की तमाम सिलेब्रिटी भी पहुंचीं। वैसे तो गणपित विसर्जन गणेश चतुर्थी से डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 9 दिन में भी किया जाता है लेकिन अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करने का खास महत्व माना गया है।
गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी के Bhojpuri Songs
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त/Ganesh Visarjan Muhurat:
सुबह का मुहूर्त (शुभ): सुबह 06:08 बजे से सुबह 07:40 मिनट तक।
सुबह का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 10:45 बजे से दोपहर 03:22 बजे तक।
दोपहर का मुहूर्त (शुभ): शाम 04:54 बजे से शाम 06:27 बजे तक।
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर): शाम 06:27 बजे से रात 09:22 बजे तक।
रात का मुहूर्त (लाभ): 13 सितंबर को राज 12:18 बजे से रात 01:45 बजे तक।
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Highlights
लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं। यह गणेश मंडल अपने 10 दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को खासा आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’(इच्छाओं की पूर्ति करने वाले) के रूप में भी जाना जाता है।
मुंबई के सबसे लोकप्रिय मंडल लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल को पिछले 6 सालों में कथित रूप से सजावट को स्थापित करने के लिए सड़कों पर खोदे जाने वाले खड्डों को भरने में लापरवाही के लिए 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
गणेश चतुर्थी के दिन मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इस पूजा के 16 चरण होते हैं जिन्हें शोदशोपचार पूजा के नाम से जाना जाता है, गणेश भगवान को मोदक का भोग लगाया जाता है। 10 दिन तक भगवान विघ्नहर्ता गणेश भगवान का भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। सुबह शाम घरों और पंडालों में नियमित रूप से आरती की जाती है और 10वें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है।
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:22 ए एम से 02:58 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:30 पी एम से 06:02 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) – 06:02 पी एम से 08:58 पी एम
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 11:54 पी एम से 01:22 ए एम, सितम्बर 13
हैदराबाद के खैराताबाद में 61 फीट ऊंची गणेश मूर्ति के लिए सुबह 7 बजे से ही कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। मुंबई में लाल बाग के राजा की मूर्ति की तरह ही हैदराबाद में इस मूर्ति के दर्शन को जनसैलाब उमड़ रहा है। भगवाण गणेश की इस मूर्ति का वजन करीब 50 टन है जिसे बनाने में एक करोड़ रुपये की लागत आई है, श्रीगणेश की इस मूर्ति को हुस्सैन सागर झील में विसर्जित किया जाएगा।
इसका नियम ये है कि पानी में देवी-देवताओं की प्रतिमा को डुबोया जाता है। नदी, तालाब या किसी कुंड साग में आप गणपति की प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं। बड़े शहरों में तालाब तक पहुंचना मुश्किल होने के कारण लोग जमीन में गड्ढा कर के प्रतिमा को विसर्जित कर देते हैं। आप चाहें तो गणेश जी की छोटी प्रतिमा को किसी बड़े बर्तन में जल लेकर विसर्जित कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जल में पैर ना लगे। उसके बाद उस जल को किसी गमले में या पेड़ पौधों में डाल दें।
विसर्जन के दिन परिवार के सभी सदस्य साथ में पूजा करते हैं। गणपति बप्पा की विदाई से पहले गणेशजी की आरती उतारकर उनके जयकारे लगाएं जाते हैं। गणेशजी को मोदक, मिठाई का भोग लगाया जाता है उन्हें विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं जाते हैं। गणेश जी को विदा करते समय क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा जरूर मांग लेनी चाहिए। एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाई और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें। पूजा से संबंधित सभी सामग्री को गणेशजी के साथ जल में विसर्जित कर दें। आरती करने के बाद भगवान को भोग लगाया जाता है, जिसे बाद में परिवार के सदस्यों में वितरित कर दिया जाता है। आरती और प्रसाद के बाद परिवार का एक सदस्य धीरे-धीरे गणपति की मूर्ति को थोड़ा आगे बढ़ाता है। ऐसा करना गणपति को इशारा करता है कि अब विसर्जन का समय आ गया है।
महानगर में गणपति विसर्जन के लिए 129 स्थान निर्धारित किए गए हैं। इनमें 5 सबसे अहम हैं- गिरगांव, चौपाटी, शिवाजी पार्क, मलाड टी जंक्शन और पवई। गुरुवार को खास व्यवस्था के तहत 53 सड़कें यातायात के लिए बंद रहेंगी। 56 सड़कों पर वन वे ट्रैफिक रहेगा। 19 जगहों पर पार्किंग की अनुमति नहीं होगी।
बड़े शहरों में तालाब तक पहुंचना मुश्किल होने के कारण लोग जमीन में गड्ढा कर के प्रतिमा को विसर्जित कर देते हैं। आप चाहें तो गणेश जी की छोटी प्रतिमा को किसी बड़े बर्तन में जल लेकर विसर्जित कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जल में पैर ना लगे। उसके बाद उस जल को किसी गमले में या पेड़ पौधों में डाल दें।
मुंबई में गणपति की विदाई शुरू हो गई है। ढोल-नगाड़ों के साथ लालबागचा राजा को विदा किया जा रहा है। इस दौरान 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारों के साथ गणेश जी को विदा कर रहे हैं लोग। गणपति विसर्जन को लेकर मुंबई पुलिस और बीएमसी (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन) की ओर से खास इंतजाम भी किए गए हैं। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं।