आज महाशिवरात्रि का व्रत है। इस दिन भोलेनाथ के साथ- साथ भगवान गणेश की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश को याद करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही उसको सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान गणेश का एक नाम विघ्नहर्ता भी है यानि विघ्नों को हरने वाले देवता। आज भगवान गणेश की विधिवत पूजा कर इस आरती को उतारना न भूलें।

Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti) :

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

आज पूजा के बाद भगवान गणेश को तिल-गुड़ के लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं। ये बप्पा के प्रिय हैं। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है। विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र ‘ऊं गणेशाय नम:’ अथवा ‘ऊं गं गणपतये नम: की 108 बार जाप करें। सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा जरूर पढ़े अथवा सुनें।

गणेश जी के मंत्र (Ganesh Mantra) : 

– ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करों दूर क्लेश।।

– ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।

– ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

– ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।’

– ‘ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।’

– ‘ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा’।