Shani Sade Sati And Shani Dhaiya 2021: ज्योतिष अनुसार शनि की उल्टी चाल काफी कष्टकारी मानी जाती है। जब भी शनि पीछे की तरफ यानी उल्टी चाल शुरू कर देते हैं तो इसे शनि का वक्री होना कहा जाता है। 23 मई से 11 अक्टूबर तक शनि वक्री रहेंगे। इन 141 दिनों में शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को विभिन्न तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष उपायों को करने शनि के कष्टों से राहत मिल सकती है।
ये राशियां है शनि साढ़े साती से पीड़ित: धनु, मकर और कुंभ जातक शनि साढ़े साती से परेशान हैं। धनु वालों पर इसका अंतिम चरण, मकर वालों पर दूसरा चरण और कुंभ वालों पर अभी पहला ही चरण चल रहा है। शनि साढ़े साती के दौरान लोगों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट मिलता है। धनु राशि के जातकों को अगले साल 29 अप्रैल में शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। मकर और कुंभ वालों को इससे मुक्त होने में अभी समय है।
ये राशियां हैं शनि ढैय्या से पीड़ित: मिथुन और तुला जातक शनि ढैय्या से पीड़ित हैं। दोनों ही राशियों को साल 2022 में 29 अप्रैल को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि के जातक इसकी चपेट में आ जाएंगे। ज्योतिष अनुसार शनि की ढैय्या के दौरान व्यक्ति को मानसिक तनाव ज्यादा रहते हैं। हर काम में बाधाएं उत्पन्न होती रहती हैं। घमंडी और अहंकारी माने जाते हैं इन बर्थ डेट वाले लोग, इनकीं ये खूबी बना देती हैं इन्हें धनवान
शनि को मजबूत करने के उपाय: प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ कम से कम 3 माला जरूर जप करना चाहिए। शनिवार को प्रतिदिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर 108 बार शनि मंत्र का जाप करना बेहद ही फलदायी माना जाता है। प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप करें। शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। शनि व्रत रखना चाहिए। शनि देवता को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए। इस राशि वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण होने वाला शुरू, हो जाएं सतर्क