Falgun (Phagun) Purnima 2020: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा इस बार 09 मर्च को मनाई जा रही है। इस दिन गंगा स्नान-दान और व्रत का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने से दुख दूर होते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन कई लोग सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास भी रखते हैं। इसके अलावा फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की भी पूजा की जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि में ही नृसिंह रूप में विष्णु जी हरिण्यकश्यपु वध किया था।

फाल्गुन पूर्णिमा पर क्या करें

-सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

-सूर्योदय से लेकर चाँद के दिखने तक उपवास रखें। उपवास के बाद पूजा करें।

-फाल्गुन पूर्णिमा के दिन दान करना भी अच्छा माना गया है।

-पुरानों के मुताबिक फाल्गुन पूर्णिमा पर हवन करना भी श्रेष्ठ है।

-पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन के समय होलिका की परिक्रमा करनी चाहिए।

-होलिका दहन के समय पूजन सामाग्री में जल, धूप, दीप, फूल, अक्षत, मौली, कच्चा सूत, गुड़, नारियल, बताशे, सबूत

-हल्दी, गेहूं की बालियां सहित पांच प्रकार के अनाज का इस्तेमाल करें।

फाल्गुन पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त

-पूर्णिमा तिथि आरंभ- 3:03 (09 मार्च 2020)

-पूर्णिमा तिथि समाप्त- 11:17 (09 मार्च 2020)

फाल्गुन पूर्णिमा की कथा

नारद पुराण के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा की कथा राक्षस हरिण्यकश्यपु और उसकी बहन होलिका से जुड़ी हुई है। कथा के मुताबिक हरिण्यकश्यपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को आग में जलाने के लिए उसे अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। कहते हैं कि होलिका को यह वरदान मिला था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती है। लेकिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रखा की और उसे आग में जलने से बचा लिया। वहीं होलिका अग्नि में जलकर खाक हो गई। मान्यता है बुराई पर अच्छाई की इस जीत के प्रतीक के तौर पर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है।