Dussehra (Dasara) 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Mantra, Procedure: इस साल दशहरा 25 अक्तूबर, रविवार और 26 अक्तूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। द्वापर युग में इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। तब से ही दशहरा के दिन रावण दहन करने की प्रथा है। साथ ही यह भी माना जाता है कि असत्य पर सत्य की जीत होने की वजह से सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए कि वह अपने मन की बुराइयों को मारेंगे। दशहरा के दिन कई लोग अपने घरों में पूजन करते हैं।
दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त (Dussehra Puja Ka Shubh Muhurat)
पूजा का ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 46 मिनट से 5 बजकर 27 मिनट तक
संध्या पूजा का मुहूर्त – शाम 5 बजकर 41 से 6 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल का मुहूर्त – शाम 5 बजकर 14 से 6 बजकर 57 मिनट तक
दशमी तिथि आरंभ – 25 अक्तूबर, रविवार – सुबह 7 बजकर 41 मिनट से
दशमी तिथि समाप्त – 26 अक्तूबर सोमवार – सुबह 9 बजे तक
दशहरा पूजन मंत्र (Dussehra Pujan Mantra)
शमी पूजन मंत्र –
शमी शमय मे पापं शमी लोहितकंटका।
धारिण्यर्जुन बाणानां रामस्य प्रियवादिनी॥
करिष्यमाणयात्रायां यथाकालं सुखं मम।
तत्र निर्विघ्नकर्त्री त्वं भव श्रीरामपूजिते ॥
अश्मंतक पूजन मंत्र –
अश्मंतक महावृक्ष महादोषनिवारक।इष्टानां दर्शनं देहि शत्रूणां च विनाशनम्॥
श्री राम पूजन मंत्र –
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गसीतासमारोपितवामभागम्।
पाणौ महाशायकचारुचापंनमामि रामं रघुवंशनाथम्।।
श्री राम विजय मंत्र –
श्री राम जय राम जय जय राम।
विजयदशमी पूजा विधि (Vijayadashmi Pujan Vidhi)
विजयदशमी के दिन शुभ मुहूर्त में शमी के पौधे के पास जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। प्रणाम कर शमी पूजन मंत्र पढ़े। इसके बाद यह प्रार्थना करें कि सभी दिशा-दशाओं में आप विजय प्राप्त करें।
अगर आपके परिवार में अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है तो एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर सभी शस्त्र उस पर रखें। फिर गंगाजल छिड़क कर पुष्प अर्पित करें। साथ ही यह प्रार्थना करें कि संकट पड़ने पर यह आपकी रक्षा करें।
इस दिन भगवान श्रीराम की उपासना करने का बहुत अधिक महत्व होता है। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित करें। फिर धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर भगवान श्री राम की उपासना करें। अंत में आरती करें।