Dussehra (Dasara) 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Mantra, Procedure: शक्ति पूजन के महापर्व नवरात्र के संपन्न होने के ठीक अगले दिन दशहरा मनाया जाता है। इस त्योहार को शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 25 अक्तूबर, रविवार और 26 अक्तूबर, सोमवार दोनों दिन दशहरा मनाया जाएगा। कई स्थानों पर दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है लेकिन वही दशहरा के दिन कुछ लोग रावण के ज्ञान की पूजा भी करते हैं। माना जाता है कि दशहरा के दिन रावण के ज्ञान की पूजा करने से ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति होती हैं। साथ ही इस दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

दशहरा पूजा विधि (Dussehra Pujan Vidhi)
दशहरा के दिन शस्त्र पूजा के विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए इस दिन क्षत्रिय लोग विशेष रुप से शस्त्र पूजा करते हैं। इस दिन शस्त्रों की पूजा से पहले शस्त्रों को पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर रख दिया जाता हैं और उसके बाद सभी अस्त्रों-शस्त्रों पर गंगाजल छिड़का जाता है।

गंगाजल से अस्त्र-शस्त्र पवित्र करने के बाद शस्त्रों पर हल्दी और कुमकुम का तिलक किया जाता है। साथ ही उन पर फूल अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद शस्त्रों पर शमी के पौधे के पत्ते अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि दशहरा के दिन शमी के पौधे के पत्तों से शस्त्र पूजन करना शुभ होता हैं।

पूजा के बाद शस्त्रों को प्रणाम करें। साथ ही भगवान श्री राम का ध्यान करें। इसके बाद शस्त्रों को अपने स्थान पर ही रख दें और शमी के पौधे की पूजा अवश्य करें। इसके बाद रावण के ज्ञान का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें।

साथ ही श्रीराम से यह भी प्रार्थना करें कि आपको अपार ज्ञान की प्राप्ति हो लेकिन उसके साथ अहंकार ना आए। फिर श्री राम स्तुति का पाठ करें। भगवान श्री राम के विजय मंत्र – ‘श्री राम जय राम जय जय राम।’ का एक माला जप अवश्य करें। श्री राम नाम माला का पाठ करें। फिर राम जी की आरती करें। भगवान श्रीराम को फल या मिठाई का भोग लगाकर पूजा संपन्न करें।

Live Blog

19:05 (IST)25 Oct 2020
दशहरा का महत्व

रामायण में यह बताया गया है कि रावण की बुराइयों का नाश होने के साथ ही इस दिन का महत्व इसलिए भी बहुत अधिक है क्योंकि उसके साथ व्यक्ति अपने मन की बुराइयों का भी नाश करता है। कहा जाता है कि रावण दहन करने से रोग, शोक, दोष, ग्रहों की विपरीत स्थिति और संकटों से मुक्ति मिलती है। इसलिए कहा जाता है कि दशहरा के दिन रावण दहन जरूर करना चाहिए।

19:03 (IST)25 Oct 2020
पापों की दी थी सजा...

प्राचीन कथाओं में ऐसा बताया जाता है कि श्री राम ने दशानन को उसके पापों की सजा दी थी इसलिए ही उन्हें उसका वध करना पड़ा था। कहते हैं कि दशानन से ज्यादा ज्ञानी और कोई नहीं था लेकिन उसके अहंकार की वजह से उसे श्री राम के हाथों मरना पड़ा।

18:09 (IST)25 Oct 2020
मां दुर्गा ने महिषासुर का किया था अंत

भगवान ​श्रीराम ने माता सीता को रावण के चंगुल से मुक्त कराने के लिए लंका पर चढ़ाई की थी। रावण की राक्षसी सेना और श्रीराम की वानर सेना के बीच भयंकर युद्ध हुआ था, जिसमें रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण जैसे सभी राक्षस मारे गए। रावण पर भगवान राम के विजय की खुशी में हर वर्ष दशहरा मनाया जाता है। वहीं, मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं और मनुष्यों को उसके अत्याचार से मुक्ति दी थी, उसके उपलक्ष में भी हर वर्ष दशहरा मनाया जाता है। 

17:01 (IST)25 Oct 2020
ओडिशा और असम में 4 दिन तक चलता है त्योहार

बंगाल, ओडिशा और असम में यह त्योहार दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह बंगालियों, ओडिया और आसाम के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। पूरे बंगाल में पांच दिनों के लिए मनाया जाता है। ओडिशा और असम में 4 दिन तक त्योहार चलता है।

15:53 (IST)25 Oct 2020
शक्ति ने राम को विजय होने का दिया था वरदान

माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था। भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिये रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया क्योकी श्री राम को “राजीवनयन” यानि कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया जैसे ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया।

14:51 (IST)25 Oct 2020
मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की पूजा

मां सिद्धिदात्री कमल के आसन पर विराजमान होती हैं। लाल रंग के वस्त्रों में मंद मुस्कुराती हुई मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। यह चार भुजाधारी हैं। इनकी भुजाओं में शंख, गदा, चक्र और पदम हैं।

14:01 (IST)25 Oct 2020
विजयदशमी अपने साथ...

रावण का अंत तो प्रभु श्री राम ने द्वापर युग में ही कर दिया था। इस विजयदशमी पर यह जरूरी है कि अपने साथ विजयदशमी मनाई जाए। अपने मन के विकारों पर विजय पाकर विजयदशमी का पर्व मनाएं।

13:32 (IST)25 Oct 2020
श्री राम के साथ करें शमी की पूजा

विजयदशमी के दिन श्री राम के साथ ही शमी के पौधे की आराधना भी की जाती है। कहते हैं कि जो विजयदशमी के दिन श्री राम और शमी की उपासना करता है उसके सभी संकटों का नाश होता है।

12:32 (IST)25 Oct 2020
करना चाहिए राम स्तुति का पाठ...

विजयदशमी के दिन भगवान राम ने देवी सीता को लंकापति से मुक्त किया था। इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने श्री राम की स्तुति गाई थी। इसलिए आज के दिन राम स्तुति का पाठ करना चाहिए।

12:02 (IST)25 Oct 2020
दशानन का वध करने के बाद राम जी ने किया था उपाय

रावण ब्राह्मण था। जब भगवान राम ने उसका वध किया था तो उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप लगा इस पाप से मुक्त होने के लिए राम जी ने उपाय किया था।

11:27 (IST)25 Oct 2020
विजयदशमी की बधाईयां...

10:58 (IST)25 Oct 2020
दशहरा के दिन के विशेष कार्य

इस दिन अपराजिता पूजन, शमी पूजन, सीमोल्लंघन (अपने राज्य या ग्राम की सीमा को लाँघना), घर को पुन: लौट आना और घर की नारियों द्वारा अपने समक्ष दीप घुमवाना, नये वस्त्रों एवं आभूषणों को धारण करना, राजाओं के द्वारा घोड़ों, हाथियों एवं सैनिकों का नीराजन और परिक्रमणा करना आदि।

10:25 (IST)25 Oct 2020
इस मंत्र का करें जाप

श्री राम जय राम जय जय राम - यह श्री राम विजय मंत्र है। ऐसी मान्यता है कि इसका जाप करने के बाद कोई भी कार्य किया जाए तो उसमें विजय यानी जीत हासिल होती है।

10:09 (IST)25 Oct 2020
कृपा करो श्री राम...

कृपा करो श्री राम हमें इतना सामर्थ्य दो कि हम अपने हम की बुराईयों को मारकर अच्छाईयों की जीत कर सकें। खुद में बदलाव कर स्वयं को बेहतर से बेहतरीन बना सकें।

09:44 (IST)25 Oct 2020
शस्त्र पूजा मानी जाती है विशेष

कई लोग दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करते हैं। विशेष तौर पर क्षत्रिय शस्त्र पूजन करते हैं। माना जाता है कि आज के दिन शस्त्रों की पूजा करने से शस्त्रों की शक्ति बढ़ती हैं और श्री राम के आशीर्वाद से उन शस्त्रों का किसी के अहित के लिए प्रयोग नहीं होता है।

09:24 (IST)25 Oct 2020
दशानन के ज्ञान की भी होती है पूजा...

विजयदशमी के दिन सिर्फ भगवान राम की ही नहीं बल्कि कुछ लोग दशानन के ज्ञान की भी पूजा करते हैं। कहा जाता है कि दशानन बहुत ज्ञानी थे। लेकिन उन्हें अंहकार था इसलिए वह अधर्म के मार्ग पर चले। इसलिए आज के दिन बहुत से लोग उनसे ज्ञान का वरदान मांगते हैं।

09:04 (IST)25 Oct 2020
दशहरा की बधाईयां...

08:45 (IST)25 Oct 2020
शमी की पूजा का है विधान...

विजयादशमी पर मां दुर्गा ने महिषासुर का नाश किया था इसलिए इस दिन शस्त्र की पूजा होती है। और इसी दिन शमी के शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन शमी के वृक्ष को पूजना भी लाभकारी माना जाता है। दरअसल शमी के पेड़ की पूजा महाभारत की एक कहानी से जोड़कर की जाती है और क्षत्रिय इसकी पूजा करते हैं।

08:26 (IST)25 Oct 2020
द्वापर युग से मनाया जा रहा है दशहरा...

द्वापर युग में जब लंकापति रावण ने देवी सीता का हरण कर लिया था तो उसके पापों का नाश करने के लिए भगवान श्री राम ने उसका वध किया था। तब से ही हर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रावण दहन करने की परंपरा है। कहते हैं कि रावण दहन करने से बुराइयों का नाश होता है। कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि बीमारियों और दुखों से निजात पाने के लिए रावण दहन करना चाहिए।

08:05 (IST)25 Oct 2020
प्राचीन कथाओं में दशहरा का महत्व...

रामायण में यह बताया गया है कि रावण की बुराइयों का नाश होने के साथ ही इस दिन का महत्व इसलिए भी बहुत अधिक है क्योंकि उसके साथ व्यक्ति अपने मन की बुराइयों का भी नाश करता है। कहा जाता है कि रावण दहन करने से रोग, शोक, दोष, ग्रहों की विपरीत स्थिति और संकटों से मुक्ति मिलती है। इसलिए कहा जाता है कि दशहरा के दिन रावण दहन जरूर करना चाहिए।