Ravan Dahan PM Modi Updates, Dussehra 2019 Ravan Puja Date Updates: देश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार (08 सितंबर) को दशहरा के मौके पर रावण, उसके बेटे मेघनाद और उसके भाई कुंभकर्ण के पुतले जलाकर लोगों ने बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया। देश के कई हिस्सों में लोगों ने पुतले जलाने के दौरान पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखा और हरित पटाखे जलाए। लोगों की भीड़ ने दशहरे पर अलग-अलग मैदानों पर स्थापित किए गए रावण के पुतलों को पटाखों की आवाज के बीच गिरते हुए देखकर तालियां बजाई। हालांकि कई हिस्सों में पारंपरिक पटाखे का इस्तेमाल नहीं किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में या तो हरित पटाखों का इस्तेमाल हुआ या फिर पटाखों का इस्तेमाल ही नहीं किया गया। चार दिन तक चलने वाली दुर्गा पूजा का भी समापन मंगलवार को हो गया। मूर्ति विसर्जन के लिए मंगलवार को नदियों और तालाबों के किनारे लोगों की भीड़ देखी गई।
मध्य प्रदेश के विदिशा में लंकापति रावण का मंदिर है, जहां लोग इसकी पूजा करते हैं। यह परम्परा इस गांव में वर्षों से चली आ रही है। लोग कोई भी मांगलिक करने से पहले रावण की भक्ति भाव पूजा अर्चना करते हैं। जब भी कोई नया वाहन लाता है तो वह अपनी गाडी पर जय लंकेश लिखवाता है। यहां रावण की आरती चालीसा भी पढ़ा जाता है। खुद गांव का नाम भी रावण है।
एमपी के रतलाम जिले के चिकलाना गांव में विजयदशमी से 6 महीने पहले रावण की मूर्ति की नाक काटकर उसका अंत कर दिया जाता है। इस परंपरा में हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम लोग भी शामिल होते हैं।
प्रकांड ज्ञानी रावण से बड़ा इस दुनिया में भगवान शिव का भक्त कोई न हुआ और न ही होगा। रावण जब भगवान शिव की आराधना करता था तो कमल के फूलों की तरह अपने सिर उनके चरणों पर चढ़ाता था। कहा जाता है कि भगवान शिव भी रावण की इस भक्ति को देख कर हैरान हो जाते थे। वहीं, रावण जैसा विद्वान इस दुनिया में कोई नहीं था। रावण का जन्म जिस दिन हुआ, उसी दिन उसका वध भी हुआ था। यही वजह है कि कानपुर में बना दशानन मंदिर सिर्फ विजय दशमी के दिन खुलता है और रावण दहन से पहले ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं।


हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के 'कुल्लू दशहरा' समारोह की तस्वीरें।
दशहरा का पर्व पूरे देश में मनाया गया। लोगों ने अलग- अलग तरीकों से रावण का दहन किया। देखें रावण दहन की वीडियो।
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बड़वाह में मंगलवार (08 सितंबर) की देर शाम चोरल नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो युवकों की नदी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने बताय कि दोनों युवक सनावद के मोरघडी कालोनी से माता की मूर्ति विसर्जन करने आये थे और विसर्जन के बाद नहाने के समय गहरे पानी में डूबने से इनकी मौत हो गई।
मूर्ति विसर्जन करने गये दो युवकों की पानी में डूबने से मौत खरगोन (मध्यप्रदेश) आठ अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बड़वाह में मंगलवार की देर शाम चोरल नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो युवकों की नदी में डूबने से मौत हो गई।
पुलिस ने बताय कि दोनों युवक सनावद के मोरघडी कालोनी से माता की मूर्ति विसर्जन करने आये थे और विसर्जन के बाद नहाने के समय गहरे पानी में डूबने से इनकी मौत हो गई।
दल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में प्रदूषण घटना शुरू हो गया है और यह 25 फीसदी तक कम हुआ है। दिल्ली सरकार ने दिवाली की शाम कनॉट प्लेस पर लेजर शो करने की योजना बनाई है और ‘आप’ सभी को वहां आने के लिए आमंत्रित करती है।’
प्रसिद्ध ‘कुल्लू दशहरा’ हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के धलपुर मैदान में पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ मंगलवार (08 सितंबर) से शुरू हो गया। सप्ताह भर चलने वाला यह उत्सव इसलिए अनूठा है क्योंकि जब देश के बाकी हिस्सों में दशहरा समाप्त हो जाता है, तब यह आरम्भ होता है।यह 17वीं सदी से मनाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के राज्याल बंदारू दत्तात्रेय ने इस उत्सव का शुभारम्भ किया और भगवान रघुनाथ रथ यात्रा में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अनूठी है।
चंडीगढ़ में 221 फुट लंबा रावण का पुतला लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र था। आयोजकों का दावा है कि यहां पर्यावरण के अनुकूल पटाखों का इस्तेमाल किया गया। वहीं अमृतसर में दुर्गा पूजा के साथ पिछले साल हुई खौफनाक हादसे की याद भी ताजा हो गई। पिछले साल पुतला दहन के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (08 सितंबर) को लोगों से अपील की कि वे नवरात्र की भावना को आगे ले जाते हुए महिलाओं को और सशक्त बनाने एवं उनकी गरिमा की रक्षा करने के लिए काम करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वे भोजन बर्बाद नहीं करने, ऊर्जा एवं जल का संरक्षण करने और एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का संकल्प लें।
दिल्ली के द्वारका में पीएम मोदी ने तीर छोड़कर रावण के पुतले का दहन किया।
तमिलनाडु में लोग इस दिन शरीर को घायल कर विजयदशमी का पर्व मनाते हुए।
पीएम मोदी द्वारका सेक्टर 10 के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं।
रांची के मोरहाबादी मैदान में 65 फीट का रावण बनकर तैयार है। अब से कुछ ही देर बाद रावण दहन होगा।
अधिकतर भारतीयों के लिए विजयदशमी का पर्व रावण पर राम की और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले के एक छोटे से गांव के निवासी भक्तिभाव से रावण की पूजा करते हैं।
द्वारका में श्री रामलीला सोसायटी के मुताबिक दहन शाम 6:45 पर होगा। वहीं लालकिला मैदान में लव कुश रामलीला कमेटी 6:30 पर रावण दहन करेगी। जबकि कड़कड़डूमा में श्री बालाजी रामलीला शाम 7 बजे के बाद करेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे दिल्ली के द्वारका पहुंचने वाले हैं। यहां वह रावण दहन करेंगे।
अमृतसर के जोड़ा फाटक पर 19 अक्टूबर 2018 को विजयादशमी के दिन एक तेज रफ्तार ट्रेन ने 59 लोगों को रौंद डाला था। लेकिन अभी तक मृतकों के परिजनों को न्याय की दरकार है। लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ में जमकर प्रदर्शन किया।
मध्य प्रदेश के विदिशा में लंकापति रावण का मंदिर है, जहां लोग इसकी पूजा करते हैं। यहां रावण की आरती चालीसा भी पढ़ा जाता है। खुद गांव का नाम भी रावण है।
एमपी के विदिशा में रावण का मंदिर है। यहां लोग रोज उसकी पूजा करते हैं। साथ ही कोई भी नया वहां खरीदने पर जय लंकेश लिखवाते हैं।
हिमाचल प्रदेश के शिव नगरी चंबा के भरमौर में रावण के पुतलों का दहन नहीं होता है क्योंकि यहां ऐसे करना अभिशाप माना जाता है। बताया जाता है कि यह जगह रावण की तपोस्थली है।
दिल्ली: चितरंजन पार्क (सीआर पार्क) के पंडाल में विजयदशमी के अवसर पर महिलाएं 'सिंदूर खेल' में भाग लेती हुईं।
एमपी के रतलाम जिले के चिकलाना गांव में विजयदशमी से 6 महीने पहले रावण की मूर्ति की नाक काटकर उसका अंत कर दिया जाता है। इस परंपरा में हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम लोग भी शामिल होते हैं।
आंध्रप्रदेश के काकिनाड में रावण का मंदिर बना है। यहां आने वाले लोग भगवान राम की शक्तियों को मानने से इनकार नहीं करते। हालांकि वे रावण को भी शक्ति सम्राट मानते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है।
जोधपुर जिले के मंदोदरी नाम के क्षेत्र को रावण और मंदोदरी का विवाह स्थल माना जाता है। जोधपुर में रावण और मंदोदरी के विवाह स्थल पर आज भी रावण की चवरी नामक एक छतरी मौजूद है। शहर के चांदपोल क्षेत्र में रावण का मंदिर बनाया गया है।
कानपुर के शिवाला में बना दशानन मंदिर साल में एक बार विजयदशमी के दिन खुलता है। रावण की मूर्ति को दूध और जल से नहलाया जाता है। पूरे मंदिर परिसर को तरह-तरह के फूलों से सजाया जाता है। इसके बाद भव्य तरीके से पूजा की जाती है। मंदिर में दशानन के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु सरसों के तेल के दिए जलाते है। दशानन मंदिर के पट रावण के पुतला दहन से पहले बंद कर दिए जाते हैं।
हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ कस्बे में भी रावण की पूजा की जाती है। मान्यता है कि यहां रावण ने भगवान महादेव की तपस्या की थी। यह कांगड़ा जिले में स्थित है। यहां पर रावण को मोक्ष का वरदान मिला था। इसलिए यहां पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है।
उत्तर प्रदेश में हर जगह राम का मंदिर है, लेकिन बिसरख एक ऐसा गांव है जहां रावण का मंदिर है। यहां पर पूरे विधि-विधान और सम्मान के साथ रावण की पूजा होती है। इस गांव का पुराना नाम विश्वेशरा था। इस नाम के पीछे मान्यता है कि यह रावण के पिताजी का नाम था।
एमपी के उज्जैन जिले के चिखली गांव में भी रावण का सम्मान किया जाता है। यहां कभी भी रावण को जलाया नहीं जाता है। मान्यता है कि यहां रावण की पूजा नहीं की गई तो पूरा गांव जलकर राख हो जाएगा।
कर्नाटक के मंडया जिले में भी रावण की पूजा की जाती है। यहां मालवली नाम के स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है। यहां के लोगों का मानना है कि रावण महान शिव भक्त है। ऐसे में उसकी पूजा की जाती है।
कर्नाटक के कोलार जिले में भी रावण दहन नहीं किया जाता है। लोगों की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, रावण भगवान शिव का महान भक्त था। ऐसे में कोलार जिले में उसकी भी पूजा की जाती है।
मध्य प्रदेश का ही मंदसौर जिला रावण का ससुराल माना जाता है। कुछ लोग यहां दशहरे के दिन रावण का पूजन करते हैं। उनका मानना है कि प्राचीन काल में मंदसौर का नाम दशपुर था। यह रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका बताया जाता है। इसके चलते मंदसौर को रावण की ससुराल माना जाता है। लोगों का कहना है कि दामाद के सम्मान की परंपरा की वजह से दशहरे पर यहां रावण का दहन नहीं किया जाता। इस त्योहार पर रावण की पूजा की जाती है।
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक गांव में भगवान राम के अलावा राक्षसराज रावण की भी पूजा की जाती है। इस गांव में रावण का मंदिर बना हुआ है। दशहरे के दिन इस गांव में रावण पुतला नहीं जलाया जाता है। लोगों का मानना है कि मध्य प्रदेश का ही मंदसौर रावण की पत्नी का मायका है। ऐसे में ससुराल होने के नाते रावण दहन करना महापाप है।