हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए शिवपुराण का खास महत्व है। शिवपुराण में एक खुशहाल जीवन के लिए कई सारे उपाय बताए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि कुंडली में ग्रहों की दशा खराब होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों को दूर करने के उपाय भी शिवपुराण में मौजूद हैं।

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज का अभाव नहीं झेलना पड़ता है। और महादेव हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते रहते हैं। वहीं शिव पुराण में भगवान शिव को प्रसन्न करने और समस्याओं से मुक्त करने के उपाय बताए गए हैं। इन उपायों के करने से जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है। साथ ही धन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं शिव पुराण के इन उपायों के बारे में…

कर्ज से मिल सकती है मुक्ति:

शिव पुराण के अनुसार कर्ज की समस्या से मुक्ति के लिए रोज शिवलिंग पर जल में अक्षत यानी चावल मिलाकर अर्पित करें। ऐसा करने से आपको धीरे- धीरे कर्ज की समस्या से मुक्ति मिलने लगेगी। सोमवार के दिन शिवजी पर एक वस्त्र चढाकर उसके ऊपर अक्षत रखकर समर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। साथ ही धन आगमन के मार्ग भी खुलते हैं।

ऐसे करें शिवलिंग का अभिषेक:

हर रोज जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही अटके हुए काम बनने लगते हैं। वहीं गुप्त शत्रुओं का नाश होता है।

शिवलिंग पर जौ से करें अभिषेक:

शिवलिंग पर जल में जौ मिलाकर अभिषेक करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। शिव पुराण के अनुसार भगवान शंकर को गेहूं से बने पकवान अर्पण करने चाहिए, ऐसा करने से भगवान आरोग्य का वरदान देते हैं। साथ ही घर से नेगिटिविटी दूर जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

धन में वृद्धि के लिए करें ये उपाय:

धन में वृद्धि के लिए हर रोज रात को 9 से 10 बजे के आसपास शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही अगले दिन शवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है।

सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी:

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पांच सोमवार पशुपतिनाथ का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को रखने से अविवाहितों के विवाह के योग बनते हैं। यह प्रदोष व्रत की तरह ही किया जाता है। इस व्रत में सुबह और प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है।