लाल किताब के अनुसार चंद्र स्वामी कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी है। कुंडली में चौथा भाव माता का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही वैदिक ज्योतिष में चंद्र देव को मन का कारक कहा गया है। यह कर्क राशि का स्वामी है। सभी ग्रहों में चंद्र देव का गोचर सबसे छोटा है। यह राशि में लगभग ढाई से ढाई दिन तक रहता है। भगवान चंद्र सूर्य, मंगल और बृहस्पति के साथ मित्रवत हैं। चंद्र देव हमारे मित्र ग्रहों के साथ अच्छे हैं।

लाल किताब के अनुसार चंद्रमा का कारक तत्व

वैदिक ज्योतिष के समान ही लाल किताब में चंद्र ग्रह को माता का कारक बताया गया है। यह प्रेम, दया, उदारता, मन की शांति और मानव भाग्य आदि को चंद्रमा भगवान द्वारा देखा जाता है। इसके अलावा चंद्र देव को कृषि के लिए भूमि, घोड़े, नाविक, चावल, दूध, दादी, बूढ़ी औरत, तिजोरी से भी जोड़कर देखा जाता है। पानी या दूध से बने भोजन सभी चंद्र देव से जुड़े हुए हैं। समुद्र में परिवर्तन, ज्वार-भाटे आदि के लिए चंद्र देव जिम्मेदार हैं।

लाल किताब के अनुसार चंद्रमा ग्रह का संबंध

लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह जल या तरल पदार्थ से संबंधित कार्य और व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। इसमें पीने का पानी, पेट्रोलियम उत्पाद, दूध से जुड़े सभी उत्पाद, पेय पदार्थ आदि सभी चंद्र देव से जुड़े हैं। यदि कुंडली में चंद्र देव नीच या पीड़ित हो तो जातक को मानसिक कष्ट होता है। बेशक सिरदर्द, तनाव, अवसाद, पागलपन जैसे रोग चंद्र देव से जुड़े हैं। ज्योतिष में सफेद रंग को चंद्र देव से जोड़ा गया है। इसलिए चंद्र देव का शुभ फल पाने के लिए मोती धारण किया जाता है। साथ ही दो मुखी रुद्राक्ष चंद्र ग्रह के लिए पहना जाता है। खिरनी की जड़ को धारण करने से चन्द्र देव की कृपा प्राप्त होती है।

लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह का प्रभाव

लाल किताब के अनुसार जब कुंडली में चंद्र देव बली हो तो जातक को सकारात्मक लाभ मिलता है। जैसा कि हम ऊपर कह चुके हैं कि चन्द्र देव अपने मित्र ग्रहों के साथ बलवान होते हैं। मजबूत चंद्र देव के प्रभाव से जातक को मानसिक सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही जिस व्यक्ति का चंद्र देव उच्च का होता है, उसका अपनी मां के साथ सुखद संबंध होता है और माता का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। साथ ही इसके विपरीत यदि जन्म कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति कमजोर हो तो जातक के लिए अशुभ होता है। चंद्र देव का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को मानसिक रूप से परेशान करता है और सिरदर्द, अवसाद, पागलपन, बेचैनी जैसी समस्याएं आदि होती हैं। चंद्र देव कमजोर होने के कारण जातक को माता का सुख नहीं मिल पाता है।

लाल किताब अनुसार चंद्र देव ग्रह शांति के उपाय

ज्योतिष में लाल किताब के उपाय बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं। तो लाल किताब में चंद्र ग्रह की शांति के उपाय जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी और सरल हैं। तो कोई भी इसे आसानी से खुद कर सकता है। चंद्र ग्रह की इसी लाल किताब को हल करने से जातक को चंद्र ग्रह के शुभ फल की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रह से संबंधित लाल किताब का उपाय इस प्रकार है:

इसके अलावा चावल की खीर बनाकर लोगों को खिलाना चाहिए, साथ ही सोमवार को मीठा दूध नहीं पीना चाहिए। इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों को पानी और दूध का दान करें। लाल किताब के अनुसार चंद्र को मजबूत करने के लिए चांदी के लोटे में जल लेकर उसमें दूधम अक्षत और मिश्री मिलाकर चंद्र को अर्घ्य देना चाहिए और इसके साथ ही पूर्णिमा का व्रत रखना चाहिए।

लाल किताब के मुताबिक सुबह उठकर नियमित माता का चरण स्पर्श करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए। लाल किताब का समाधान ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है। इसलिए इस पुस्तक का ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है। आशा है कि चन्द्र ग्रह से संबंधित लाल किताब में दी गई यह जानकारी आपके काम को सिद्ध करने में सफल होगी। चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए। चंद्रमा के मंत्र इस प्रकार हैं।

  • ऊं सों सोमाय नम:
  • ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:
  • ऊं श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम: